हिंदू धर्म में कालाष्टमी तिथि भगवान शिव के रक्षक और उग्र रूप काल भैरव की आराधना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। 2025 में यह शुभ तिथि 18 जून, बुधवार को आ रही है। इस दिन व्रत, पूजा, और मंत्र जाप करके भक्त अपने जीवन से संकटों, शत्रुओं और नकारात्मक ऊर्जा का नाश कर सकते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, काल भैरव को ‘समय के स्वामी’ कहा जाता है और वे भक्तों को भय, रोग और क्लेश से मुक्ति प्रदान करते हैं। ऐसा माना गया है कि कालाष्टमी की रात को की गई आराधना शीघ्र फलदायी होती है और मंत्रों का जप विशेष फल देता है।
कालाष्टमी भगवान काल भैरव की आराधना का सर्वोत्तम दिन होता है। इस दिन की गई पूजा, मंत्र जाप और साधना सभी बाधाओं, भय और तांत्रिक प्रभावों से रक्षा करती है। इससे भक्तों को जीवन में सुरक्षा, मानसिक शांति और आत्मबल की प्राप्ति होती है।
विवाह पंचमी एक विशेष हिंदू पर्व है, जो भगवान श्री राम और माता सीता के विवाह के अवसर पर मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से रामभक्तों के लिए महत्वपूर्ण है।
हिंदू धर्म में देवी-देवताओं के साथ सूर्य, चंद्रमा, नदियों और प्रकृति की पूजा का भी विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के बाद चंद्र दर्शन शुभ और पुण्यदायी माना जाता है।
दिसंबर माह वर्ष का अंतिम महीना होने के साथ-साथ धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है। इस महीने मार्गशीर्ष और पौष के कई व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे।
हिंदू धर्म में विनायक चतुर्थी का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित है, जिन्हें विघ्नहर्ता और बुद्धि, रिद्धि-सिद्धि का देवता माना जाता है। इस दिन पूरे विधि-विधान से गणपति की पूजा और व्रत किया जाता है।