श्याम ने रंगस्या जी: भजन (Shyam Ne Rangsya Ji)

मेलो फागण को खाटू में चालो,

श्याम ने रंगस्या जी,

मेलो फागण को ॥


रंग भरी पिचकारी लेकर,

खाटू नगरी आवा जी,

छोटो छोटो हाथा से म्हे,

रंग लगावा जी,

मेलो फागण को,

मेलो फागण को खाटू में चालो,

श्याम ने रँगस्या जी,

मेलो फागण को ॥


लाल गुलाबी नीला पीला,

रंग से खाटू रंगस्या जी,

ऐसो करा धमाल के बाबो,

रुक ना पावे जी,

मेलो फागण को,

मेलो फागण को खाटू में चालो,

श्याम ने रँगस्या जी,

मेलो फागण को ॥


भगता के संग होली खेलन,

श्याम धणी अब आयो जी,

देख म्हाने सांवरिये को,

जी ललचावे जी,

मेलो फागण को,

मेलो फागण को खाटू में चालो,

श्याम ने रँगस्या जी,

मेलो फागण को ॥


‘नवीन’ सुनावे फाग श्याम ने,

संग भक्ता रो रेलो जी,

सांवरियो म्हने रंग लगावे,

म्हे भी नाचा जी,

मेलो फागण को,

मेलो फागण को खाटू में चालो,

श्याम ने रँगस्या जी,

मेलो फागण को ॥


मेलो फागण को खाटू में चालो,

श्याम ने रंगस्या जी,

मेलो फागण को ॥

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ऊँचे ऊँचे वादी में (Oonchi Oonchi Wadi From omg 2 Movie Bhajan)

ऊँचे ऊँचे वादी में
बसते हैं भोले शंकर

मेरा सर ढकने की माई तेरी चूनर काफी है

धूप समय की लाख सताए मुझ में हिम्मत बाकी है।
धूप समय की लाख सताए मुझ में हिम्मत बाकी है।
मेरा सर ढकने को माई तेरी चूनर काफ़ी है।

भीष्म अष्टमी कब है, शुभ मुहूर्त एवं योग

माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को भीष्म अष्टमी मनाई जाती है। कहा जाता है कि इसी दिन बाणों की शय्या पर लेटे भीष्म पितामह ने अपने प्राण त्याग किए थे। इसलिए सनातन धर्म में यह तिथि अत्यंत शुभ मानी गई है।

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