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दशमहाविद्या कौन हैं

दशमहाविद्या कौन हैं

दशमहाविद्या क्या होती हैं, जानिए साल की दो नवरात्रि में की जाती है मां दुर्गा के इन स्वरूपों की अर्चना 


मुख्य रूप से नवरात्रि में माता पार्वती के सभी रूपों की पूजा की जाती है, लेकिन देवी के सभी रूप आम लोगों के लिए नहीं होते। यही कारण है कि साल में चार नवरात्रि होने के बावजूद केवल दो नवरात्रि ही आम लोगों द्वारा मनाई जाती हैं, जबकि दो नवरात्रियों को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है, जिन्हें केवल तंत्र साधना करने वाले लोग ही मनाते हैं।

चैत्र और शारदीय नवरात्रि में दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा का प्रावधान है, जबकि गुप्त नवरात्रियों में दस महाविद्याओं की उपासना की जाती है। दस महाविद्याएं देवी शक्ति के उग्र और सौम्य दोनों रूपों का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो साधकों को विभिन्न सिद्धियां प्रदान करने में सहायक होती हैं।


दस महाविद्याओं के स्वरूप और स्वभाव


  • सौम्य वर्ग: देवी त्रिपुरसुंदरी, देवी भुवनेश्वरी, देवी मातंगी, देवी कमला
  • उग्र वर्ग: देवी काली, देवी छिन्नमस्ता, देवी धूमावती, देवी बगलामुखी
  • सौम्य और उग्र मिश्रित वर्ग: देवी तारा, देवी त्रिपुर भैरवी


दुर्गा माता के अलग-अलग रूप


चैत्र और शारदीय नवरात्रि में नौ देवियों की पूजा का विशेष प्रावधान है। नवदुर्गा को शक्ति और साहस की देवी के रूप में पूजा जाता है। ये नौ रूप माँ दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये स्वरूप हैं:


  1. शैलपुत्री
  2. ब्रह्मचारिणी
  3. चंद्रघंटा
  4. कुष्मांडा
  5. स्कंदमाता
  6. कात्यायनी
  7. कालरात्रि
  8. महागौरी
  9. सिद्धिदात्री


नवरात्रि के दौरान, इन नौ देवियों की पूजा की जाती है और इनके विशिष्ट गुणों को मान्यता दी जाती है।


जानें दस महाविद्याओं को


  1. माँ काली - माँ काली की पूजा करने से व्यक्ति की वाणी उत्तम होती है और उसे सच्चा ज्ञान प्राप्त होता है। माँ काली अद्वितीय शक्ति का प्रतिनिधित्व करती हैं।
  2. देवी तारा - देवी तारा भक्तों को सभी दुखों से बचाती हैं और उन्हें पाप से मुक्त करती हैं।
  3. त्रिपुर सुंदरी - त्रिपुर सुंदरी सुंदरता और आनंद की देवी हैं। इनकी पूजा करने से व्यक्ति को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  4. देवी भुवनेश्वरी - भक्तों को योग्य संतान की प्राप्ति होती है और तेज व ऊर्जा मिलती है।
  5. देवी छिन्नमस्ता - इनकी पूजा करने से व्यक्ति अपनी इच्छाओं को नियंत्रित करने में सक्षम होता है और दिव्य शक्ति प्राप्त करता है।
  6. देवी त्रिपुर भैरवी - देवी भैरवी की पूजा करने से व्यक्ति आत्मज्ञान प्राप्त कर सकता है और सभी प्रकार के बंधनों से मुक्त हो सकता है।
  7. देवी धूमावती -  इनकी पूजा करने से व्यक्ति के सभी शत्रु नष्ट हो जाते हैं और भय से मुक्ति मिलती है।
  8. देवी बगलामुखी - इनकी पूजा करने से व्यक्ति भय से मुक्त हो जाता है और अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता है।
  9. देवी मातंगी - देवी मातंगी दोषों का नाश करने वाली और भक्तों का कल्याण करने वाली देवी हैं।
  10. देवी कमला - देवी कमला दरिद्रता, गृह कलह और अशांति को दूर करती हैं।
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