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हरियाली तीज व्रत विधि-नियम

हरियाली तीज व्रत विधि-नियम

Hariyali Teej 2025: हरियाली तीज पर बन रहा है शुभ रवि योग, जानें व्रत विधि और जरूरी नियम

हरियाली तीज हिंदू धर्म का एक पावन और विशेष पर्व है, जिसे श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को पूरे भक्ति भाव से मनाया जाता है। यह पर्व सुहागिन स्त्रियों द्वारा अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए रखा जाता है। हरियाली तीज भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का प्रतीक भी माना जाता है।

हरियाली तीज और रवि योग

इस वर्ष हरियाली तीज 27 जुलाई 2025, रविवार को मनाई जाएगी। खास बात यह है कि इस दिन रवि योग का शुभ संयोग बन रहा है। रवि योग 27 जुलाई को शाम 4:23 बजे से शुरू होकर 28 जुलाई सुबह 5:40 बजे तक रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रवि योग में किया गया कोई भी कार्य सफल होता है और इसका विशेष फल प्राप्त होता है।

सोलह श्रृंगार का महत्व

इस दिन महिलाएं पूरे सोलह श्रृंगार करती हैं, जिसमें हरे रंग के कपड़े, हरी चूड़ियां, बिंदी, मेहंदी और अन्य सजावटी सामग्री शामिल होती है। हरा रंग सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है और श्रावण के हरियाली भरे वातावरण से इसका सीधा संबंध है।

पूजन विधि और सामग्री

सुबह स्नान कर महिलाएं माता पार्वती और भगवान शिव की मूर्तियों या चित्रों की स्थापना करती हैं। माता को हरी साड़ी, सिंदूर, चूड़ियां, मेहंदी, काजल, और श्रृंगार की पिटारी अर्पित की जाती है। भगवान शिव को बिल्वपत्र, गंगाजल और दूध से स्नान कराया जाता है।

दान-दक्षिणा का नियम

पूजन के बाद महिलाएं अपनी सास या ननद को तीज का विशेष प्रसाद और वस्त्र आदि भेंट करती हैं। साथ ही, इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान देना भी पुण्यकारी माना गया है।

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25 July 2025 Rashifal (25 जुलाई 2025 राशिफल)

हिंदू पंचांग के अनुसार, आज 25 जुलाई 2025 को श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि और शुक्रवार का दिन है। नक्षत्र की बात करें तो पूर्वाषाढ़ा रहेगा। साथ ही आज सुकर्मा योग का निर्माण हो रहा है। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार आज का दिन कुछ राशियों के लिए खुशियों की सौगात लेकर आ सकता है।

सावन में रुद्राक्ष धारण करने के नियम

सावन का महीना शिव भक्तों के लिए बेहद खास होता है। यह माह भगवान शिव को समर्पित होता है और ऐसा माना जाता है कि इस दौरान की गई पूजा, व्रत और आराधना से भोलेनाथ बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं।

दूसरा सावन सोमवार पूजा विधि

सनातन धर्म में सावन मास का अत्यंत धार्मिक महत्व होता है। यह महीना भगवान शिव को समर्पित माना गया है और इस दौरान भक्त विशेष रूप से शिवलिंग पर जलाभिषेक, व्रत और मंत्र जाप द्वारा भोलेनाथ की आराधना करते हैं।

सावन दूसरे सोमवार के उपाय

बारहों महीनों में सावन का माह भगवान शिव को सबसे अधिक प्रिय माना गया है। यह हिंदू धर्म में अत्यंत पावन और शुभ समय के रूप में जाना जाता है। खासकर इस माह के सोमवार व्रत का विशेष महत्व होता है।

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