हिंदी धर्म में पितृपक्ष को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह पितरों को याद करने और उनकी पूजा करने का समय होता है। इसे श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है और इस समय में लोग तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध पूजा करते हैं, यह समय इन सभी के लिए शुभ मुहूर्त माना जाता है जो पूर्वजों से अपार आशीर्वाद प्राप्त कराने में मदद करता है। इस वर्ष पितृपक्ष 7 सितंबर से शुरू हो रहा है और 21 सितंबर तक चलेगा। इस समय में राशि के अनुसार दान करना आपके सुखद भविष्य के लिए अत्यंत अच्छा होगा।
ज्योतिषीय मान्यता है कि राशि के अनुसार दान करने से बहुत समृद्धि मिलती है और जीवन से सभी नकारात्मकता तथा दोष दूर होते हैं।
शास्त्रों के अनुसार, पितृ पक्ष में किया गया दान सीधे पितरों तक पहुंचता है और उनकी आत्मा को तृप्ति प्रदान करता है, जिससे अपार आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके अलावा यह जीवन से दोषों और बाधाओं से छुटकारा पाने में भी मदद करता है और इससे परिवार में सुख-समृद्धि और सकारात्मकता आती है।
पितृपक्ष में लोहे का दान करना वर्जित है, क्योंकि इसे शुभ नहीं माना जाता है और यह जीवन तथा घर में नकारात्मकता लाता है। साथ ही, सरसों से बनी कोई वस्तु दान करना भी वर्जित माना गया है।