Vat Savitri Vrat Niyam: सुहागिन महिलाएं वट सावित्री व्रत में न करें ये गलतियां, मिल सकते हैं बुरे परिणाम
वट सावित्री व्रत हिंदू धर्म में पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य की कामना के लिए किया जाने वाला महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत जितना श्रद्धा और नियमों से जुड़ा है, उतना ही इसका सही तरीके से पालन करना भी आवश्यक है। इस साल वट सावित्री व्रत 26 मई, सोमवार को मनाया जाएगा।
भुलकर भी न करे तामसिक भोजन का सेवन
व्रत के दिन सात्विक और शुद्ध भोजन का ही सेवन करें। प्याज, लहसुन, मांसाहार या अधिक मसालेदार भोजन खाने से व्रत की शुद्धता भंग होती है। यदि आप व्रत रख रही हैं, तो पूरे दिन फलाहार या जल से व्रत रखें, और अगले दिन व्रत पारण करें।
वट सावित्री में न पहनें काले या सफेद रंग के कपड़े
वट सावित्री व्रत के दिन विशेष रूप से काले या सफेद रंग के कपड़े पहनने से परहेज करें क्योंकि इन्हें अपशकुन से जोड़ा जाता है। इस दिन लाल या पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है और विशेषकर महिलाओं को सोलह श्रृंगार करना चाहिए।
वट वृक्ष के आस-पास रखे सफाई
वट सावित्री व्रत की पूजा में वट वृक्ष की मुख्य भूमिका होती है। इसकी जड़ों, तने या शाखाओं को तोड़ना, पेड़ पर लाठी या पत्थर चलाना या आस-पास कचरा फैलाना अत्यंत अशुभ माना जाता है। इसलिए वट वृक्ष की रक्षा और स्वच्छता का ध्यान रखें।
पीरियड्स अवधि में न करें वट वृक्ष की पूजा
महिलाएं यदि मासिक धर्म ‘पीरियड्स’ में हैं, तो इस दिन पूजा न करें। शास्त्रों के अनुसार, इस स्थिति में धार्मिक अनुष्ठानों से दूर रहना चाहिए। व्रत मन में श्रद्धा रखकर किया जा सकता है, लेकिन वट वृक्ष की पूजा न करें।
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
- व्रत को बोझ या मजबूरी समझकर न करें, बल्कि पूरी आस्था और प्रेम से करें।
- पूजा से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- व्रत कथा सुनना या पढ़ना अनिवार्य माना गया है, इसे भूल कर भी न छोड़ें।
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