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विवाह पंचमी पर शादी क्यों नहीं होती ?

विवाह पंचमी पर शादी क्यों नहीं होती ?

Vivah Panchami: विवाह पंचमी पर हुआ राम-सीता का विवाह, जानिए इस दिन क्यों नहीं होती है शादियां


मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। यह हिंदू धर्म का प्रमुख पर्व है। आमतौर पर हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह तिथि नवंबर या दिसंबर के महीने में आती है। इस बार यह तिथि 6 दिसंबर 2024  को मनाई जाएगी। माना जाता है कि इस दिन भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह हुआ था। इसी के चलते विवाह पंचमी को बड़े उत्साह के साथ अयोध्या और जनकपुर में मनाया जाता है। इस दिन भक्तजन भगवान राम और सीता की पूजा करते हैं और उनके आदर्श विवाह का स्मरण करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस पवित्र दिन पर विवाह नहीं होते हैं।

विवाह पंचमी पर नहीं होती है शादियां


हिंदू मान्यताओं के अनुसार विवाह पंचमी के दिन विवाह करना शुभ नहीं माना जाता है। यह दिन भगवान राम और माता सीता के विवाह की याद में विशेष है। उनका विवाह मानवता के लिए एक आदर्श है, लेकिन उनकी जीवन में अनेक कष्ट और परेशानियां आईं थी। कुछ पौराणिक मान्यताओं के अनुसार  इसी दिन विवाह करने से भगवान राम और सीता के  जीवन में कठिनाइयों का दौर शुरू हुआ। इसलिए इस दिन को केवल उनके विवाह की पूजा के लिए ही सही माना जाता है, न कि किसी अन्य व्यक्ति के विवाह के लिए।

विवाह पंचमी पर करें उपाय


यदि आपके वैवाहिक जीवन में कठिनाइयां आ रही है, तो विवाह पंचमी के दिन आप कुछ उपाय आपके वैवाहिक जीवन को सुखी बना सकते हैं।

1. भगवान राम-माता सीता की पूजा करें

विवाह पंचमी के दिन भगवान राम और माता सीता की विशेष पूजा करें। यदि संभव हो तो पति-पत्नी मिलकर पूजा करें और "श्री सीतारामाय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें। इसके अलावा सुंदरकांड का पाठ करें ,विशेषकर ‘सीता-राम विवाह’ कांड का पाठ। इससे पति-पत्नी के बीच सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।

2. शिव-पार्वती की पूजा करना लाभकारी 

विवाह पंचमी के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करना भी लाभकारी माना जाता है। इससे दांपत्य जीवन में शांति आती है और पति-पत्नी के बीच संबंध और मधुर होते हैं। वैवाहिक जीवन की समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए आप पंचमुखी रुद्राक्ष भी पहन सकते हैं।

3.दान करें

विवाह में कठिनाई आ रही है तो इस दिन जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र का दान करें। दान में लाल रंग के वस्त्र और मिठाई देना शुभ माना जाता है।वहीं इस दिन विवाहिता स्त्री इस दिन अपना मंगलसूत्र और सिन्दूर जरूर  सहेजे।

विवाह पंचमी पर पूजा का मुहूर्त


पंचांग के अनुसार विवाह पंचमी पर पूजा करने के कई शुभ मुहूर्त है। जिनसे आपके वैवाहिक जीवन में आने वाली परेशानियां खत्म होंगी।

  • ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 5 बजकर 12 मिनट से 6 बजकर
  • विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 56 मिनट से 02 बजकर 38 मिनट तक
  • गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 21 मिनट से 05 बजकर 49 मिनट तक
  • अमृत काल- सुबह 06 बजकर 38 मिनट से 08 बजकर 12 मिनट तक

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वट सावित्री व्रत की आरती

वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को रखा जाता है। यह व्रत विशेष रूप से सुहागिन महिलाएं रखती हैं। इस दिन महिलाएं वटवृक्ष की पूजा, सावित्री-सत्यवान की कथा का पाठ और वट वृक्ष की परिक्रमा करती हैं।

वट सावित्री पर मंत्रों का जाप

वट सावित्री व्रत हिंदू धर्म की सबसे प्रमुख व्रत परंपराओं में से एक है, जिसे विशेष रूप से विवाहित महिलाएं अपने पति की दीर्घायु, सौभाग्य और समृद्ध जीवन के लिए करती हैं। इस व्रत का वर्णन महाभारत, स्कंद पुराण, और व्रतराज जैसे शास्त्रों में विस्तार से मिलता है।

ज्येष्ठ 2025 में कार्तिगाई कब है

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने आने वाली मासिक कार्तिगाई तिथि का विशेष धार्मिक महत्व होता है। विशेष रूप से दक्षिण भारत में यह पर्व अत्यंत श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है।

26 मई 2025 क्यों है बेहद शुभ

हिंदू पंचांग में कुछ दिन विशेष संयोग और त्योहारों के कारण अत्यंत शुभ माने जाते हैं। इस साल 26 मई भी ऐसा ही एक दिन है, जब एक नहीं बल्कि चार बड़े धार्मिक पर्व एक साथ पड़ रहे हैं।

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