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विवाह पंचमी के उपाय क्या हैं

विवाह पंचमी के उपाय क्या हैं

विवाह पंचमी के दिन ये 5 उपाय करने से शीघ्र बनेंगे विवाह के योग, मिलेगा मनचाहा जीवनसाथी  


हिंदू कैलेंडर के हिसाब से विवाह पंचमी का पर्व मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाई जाती है। इस दिन प्रभु श्रीराम और माता सीता की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना करने का विधान है। वहीं इस साल विवाह पंचमी 06 दिसंबर शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी। आपको बता दें, विवाह पंचमी का दिन बेहद पावन और मंगलकारी माना जाता है। क्योंकि यह वही दिन है, जब माता सीता और प्रभु श्री राम का विवाह हुआ था। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पूजा और अनुष्ठान करने से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। विवाह पंचमी के दिन कुछ उपाय बताए गए हैं, जिसे करने से शीघ्र विवाह के योग बनते हैं और जीवन में चल रही परेशानियों से भी छुटकारा मिल सकता है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य त्रिपाठी जी के द्वारा बताए उपायों के बारे में विस्तार से जानते हैं। 


शीघ्र विवाह के लिए करें ये उपाय 


जिन भी जातकों के विवाह में देरी हो रही है तो वह विवाह पंचमी के दिन माता जानकी को 16 श्रृंगार की सामग्री चढ़ाएं और इसके बाद रामचरितमानस के इस चौपाई ''जय जय गिरिवर राज किशोरी जय महेश मुख चंद चकोरी'' का 108 बार जाप करें। इससे शीघ्र विवाह के योग बन सकते हैं और शुभ फलों की भी प्राप्ति हो सकती है। 


विवाह में आ रही रुकावट दूर करने के लिए करें उपाय


अगर आपके विवाह में बार-बार रुकावट आ रही है, तो विवाह पंचमी के दिन नौ तुलसी की पत्तियां लें और तुलसी दल में हल्दी, कुमकुम लगाकर उसे लाल कपड़े में बांध लें और फिर जिन लोगों को विवाह में समस्याएं झेलनी पड़ रही है, वे अपने दाहिने हाथ की कलाई पर बांध लें। इससे ग्रह दोष शांत हो सकता है और विवाह में आ रही परेशानियां भी दूर हो सकती है।  


सुखी दांपत्य जीवन के लिए करें ये उपाय


अगर किसी भी दंपत्ति के वैवाहिक जीवन में कोई परेशानी आ रही है, तो विवाह पंचमी के दिन दंपत्ति को एक साथ भगवान श्रीहरि विष्णु और माता लक्ष्मी का दूध में केसर मिलाकर अभिषेक करें। इससे वैवाहिक जीवन में आ रही समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है और सुख-समृद्धि की भी प्राप्ति होगी। 


मनचाहा जीवनसाथी के लिए करें ये उपाय 


अगर आप मनचाहा जीवनसाथी पाना चाहते हैं, तो विवाह पंचमी के दिन रामचरितमानस में वर्णित राम-सीता प्रसंग का पाठ जरूर करें। इससे प्रेम विवाह के योग बनते हैं और श्री राम-जानकी की कृपा भी बनी रहती है। 


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बैद्यनाथ धाम, देवघर झारखंड (Baidyanath Dham, Deoghar Jharkhand)

हिंदू धर्म में 12 ज्योतिर्लिंगो का बहुत महत्व है। कहा जाता है इन 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन मात्र से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इन द्वादश ज्योतिर्लिंगों में नौवां ज्योतिर्लिंग बाबा बैद्यनाथ या बाबा वैद्यनाथ धाम झारखंड के देवघर में है।

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग, गुजरात ( Nageshwar Jyotirlinga, Gujarat)

शिव पुराण में 12 ज्योतिर्लिंगों का बहुत महत्व बताया गया है। इन सभी पावन ज्योतिर्लिंगों का अपना धार्मिक महत्व और मान्यताएं है।

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र (Ghrishneshwar Jyotirlinga, Maharashtra)

विश्व प्रसिद्ध द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से तीन पावन ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र में अलग-अलग स्थानों पर विराजित है। लेकिन यहां एक ज्योतिर्लिंग ऐसा है जिसके बारे में तीर्थयात्रियों का मानना है की यहां की यात्रा करने से सभी 12 ज्योतिर्लिंगों की पूजा करने का लाभ मिलता है।

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग, तमिलनाडु (Rameshwaram Jyotirlinga, Tamil Nadu)

विश्व प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंगों का शास्त्रों में बहुत अधिक महत्व बताया गया है।

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