इस वर्ष में मंगलवार, 26 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी का पर्व मनाया जा रहा है। यह पर्व हर वर्ष मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां एकादशी की पूजा की जाती है, जो सुख-समृद्धि और आध्यात्मिक लाभ प्रदान करने वाले हैं। उत्पन्ना एकादशी के दिन एकादशी का व्रत रखा जाता है, जो आत्मा की शुद्धि और पापों के नाश के लिए विशेष माना जाता है।
मान्यताओं के अनुसार एकादशी के दिन व्रत रख लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है। उत्पन्ना एकादशी के दिन तुलसी की मंजरी से जुड़े कुछ विशेष उपाय करने से आर्थिक तंगी दूर होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। आइए जानते हैं कि उत्पन्ना एकादशी के दिन तुलसी से जुड़े कौन से उपाय करने से आपको लाभ हो सकता है।
उत्पन्ना एकादशी एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा के लिए विशेष माना जाता है। इस दिन विशेष उपाय करने से आर्थिक तंगी से निजात पाने में मदद मिलती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह साल का दसवां महीना होता है जो मार्गशीर्ष पूर्णिमा के बाद शुरू होता है। वैदिक पंचाग के अनुसार, इस साल पौष माह की शुरुआत 16 दिसंबर से हो चुकी है।
हिंदू धर्म में पौष मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रुक्मिणी अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व भगवान श्री कृष्ण की पत्नी देवी रुक्मिणी को समर्पित है, जिन्हें माता लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, रुक्मिणी अष्टमी पर ही द्वापर युग में विदर्भ के महाराज भीष्मक के यहां देवी रुक्मिणी जन्मी थीं।
हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह साल का 10 वां, महीना होता है जो मार्गशीर्ष पूर्णिमा के बाद शुरू होता है। वैदिक पंचाग के अनुसार इस साल पौष माह 16 दिसंबर से प्रारंभ हो चुकी है।
हिंदू पंचांग में दसवें माह को पौष कहते हैं। इस बार पौष मास की शुरुआत 16 दिसंबर से हो गई है जो 13 जनवरी तक रहेगी। इस मास में हेमंत ऋतु का प्रभाव रहता है।