Aaj Ka Panchang: आज 18 सितंबर 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह
Aaj Ka Panchang 18 September 2025: आज 18 सितंबर 2025 आश्विन मास का 12वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष तिथि द्वादशी तिथि है, जो कि 11:24 पी एम तक जारी रहेगी। इसके बाद त्रयोदशी तिथि लग जाएगी। बता दें कि आज गुरूवार का दिन है। इस दिन सूर्य देव कन्या राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा कर्क राशि में रहेंगे। आपको बता दें, आज गुरूवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:50 ए एम से 12:39 पी एम बजे तक रहेगा। इस दिन राहुकाल 01:47 पी एम से 03:19 पी एम तक रहेगा। आज द्वादशी श्राद्ध किया जाएगा और इन्दिरा एकादशी का पारण किया जाएगा। साथ ही वार के हिसाब से आप गुरूवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान विष्णु को समर्पित होता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है।
आज का पंचांग 18 सितंबर 2025 (Aaj Ka Panchang 18 September 2025)
- तिथि - 11:24 पी एम तक कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि। इसके बाद त्रयोदशी तिथि लग जाएगी।
- नक्षत्र - पुष्य (06:26 ए एम तक) अश्लेशा
- दिन/वार - गुरूवार
- योग - शिव (09:37 पी एम तक) सिद्ध
- करण - कौलव (11:28 ए एम तक) तैतिल (11:24 पी एम तक) गर
आश्विन कृष्ण पक्ष द्वादशी तिथि प्रारंभ - 11:39 पी एम, सितम्बर 17
आश्विन कृष्ण पक्ष द्वादशी तिथि समाप्त - 11:24 पी एम, सितम्बर 18
सूर्य-चंद्र गोचर (Surya-Chandra Gochar)
- सूर्य - सूर्य देव कन्या राशि में रहेंगे।
- चंद्र - चंद्रमा कर्क राशि में रहेंगे।
सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त (Surya aur Chandrama ka Muhurat)
- सूर्योदय - 06:07 ए एम
- सूर्यास्त - 06:22 पी एम
- चन्द्रोदय - 03:34 ए एम, सितम्बर 19
- चन्द्रास्त - 04:32 पी एम
आज का शुभ मुहूर्त और योग 18 सितंबर 2025 (Aaj ka Shubh Muhurat aur Yog 18 September 2025)
- ब्रह्म मुहूर्त - 04:34 ए एम से 05:21 ए एम
- अभिजीत मुहूर्त - 11:50 ए एम से 12:39 पी एम
- विजय मुहूर्त - 02:17 पी एम से 03:06 पी एम
- गोधूलि मुहूर्त - 06:22 पी एम से 06:46 पी एम
- संध्या मुहूर्त - 06:22 पी एम से 07:33 पी एम
- अमृत काल - 05:27 ए एम, सितम्बर 19 से 07:05 ए एम, सितम्बर 19
- गुरु पुष्य योग - 06:07 ए एम से 06:32 ए एम
- अमृत सिद्धि योग - 06:07 ए एम से 06:32 ए एम
- सर्वार्थ सिद्धि योग - 06:07 ए एम से 06:32 ए एम
आज का अशुभ मुहूर्त 18 सितंबर 2025 (Aaj ka Ashubh Muhurat 18 September 2025)
- राहु काल - 01:47 पी एम से 03:19 पी एम
- गुलिक काल - 09:11 ए एम से 10:43 ए एम
- यमगंड - 06:07 ए एम से 07:39 ए एम
- गण्ड मूल - 06:32 ए एम से 06:08 ए एम, सितम्बर 19
- वर्ज्य - 07:38 पी एम से 09:16 पी एम
- दिशाशूल - दक्षिण , इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
18 सितंबर 2025 पर्व/त्योहार/व्रत (18 September 2025 ke Parv / Tyohar / Vrat)
- गुरूवार का व्रत- आज आप गुरूवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान विष्णु को समर्पित है।
- द्वादशी श्राद्ध - द्वादशी श्राद्ध उन मृतक सदस्यों के लिए किया जाता है जिनकी मृत्यु द्वादशी तिथि पर हुई हो या जिन्होंने जीवन में सन्यास लिया हो। इसे बारस श्राद्ध भी कहा जाता है और शुक्ल पक्ष या कृष्ण पक्ष दोनों की द्वादशी तिथि पर श्राद्ध किया जा सकता है। पितृ पक्ष में पार्वण श्राद्ध के लिए कुतुप और रौहिण मुहूर्त शुभ माने जाते हैं। श्राद्ध के अनुष्ठान अपराह्न काल तक पूरे कर लेने चाहिए और अंत में तर्पण किया जाता है, जिससे पितरों को शांति और तृप्ति मिलती है।
- इंदिरा एकादशी पारण - एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि के भीतर करना आवश्यक है, अन्यथा यह पाप के समान माना जाता है। पारण सूर्योदय के बाद और द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करना चाहिए। व्रत तोड़ने के लिए प्रातःकाल सबसे उपयुक्त समय है, लेकिन अगर यह संभव न हो तो मध्याह्न के बाद पारण किया जा सकता है। एकादशी व्रत कभी-कभी लगातार दो दिनों के लिए होता है, जिसमें स्मार्त परिवार के लोगों को पहले दिन और सन्यासी, विधवा या मोक्ष की इच्छा रखने वाले लोगों को दूसरे दिन व्रत करना चाहिए। भगवान विष्णु के परम भक्त दोनों दिन व्रत करने का प्रयास करते हैं।
18 सितंबर 2025/आज के उपाय (18 September 2025 Aaj ke Upay)
- गुरूवार के उपाय - गुरुवार के दिन भगवान बृहस्पति और विष्णु की पूजा करने से जीवन में ज्ञान, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान विष्णु को पीले वस्त्र, हल्दी और पीले फल अर्पित करना शुभ माना जाता है। गुरुवार के उपायों में विष्णु मंत्रों का जाप करना, बृहस्पति स्तोत्र का पाठ करना और भगवान विष्णु की आराधना करना शामिल है। इन उपायों को करने से बृहस्पति ग्रह की स्थिति में सुधार होता है और जीवन में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। गुरुवार के दिन विशेष रूप से पीले वस्त्र, चने की दाल और पीले फल का दान करना लाभदायक होता है।
- श्राद्ध उपाय - श्राद्ध तिथि पर सूर्योदय से दिन के 12 बजकर 24 मिनट तक श्राद्ध करना चाहिए। इसके लिए घर की सफाई करें, गंगाजल और गौमूत्र छिड़कें। साथ ही दक्षिण दिशा में मुंह रखकर तर्पण करें। घर के आंगन में रंगोली बनाएं, महिलाएं शुद्ध होकर पितरों के लिए भोजन बनाएं और श्रेष्ठ ब्राह्मण को निमंत्रित कर भोजन कराएं। पितरों के निमित्त अग्नि में गाय के दूध से बनी खीर अर्पण करें और पंचबलि निकालें। ब्राह्मण को भोजन कराने के बाद दक्षिणा और सामग्री दान करें, जिसमें गौ, भूमि, तिल, स्वर्ण आदि शामिल हैं। श्राद्ध में सफेद फूलों का उपयोग करें। दूध, गंगाजल, शहद, सफेद कपड़े, अभिजित मुहूर्त और तिल का विशेष महत्व है।