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महाशिवरात्रि पूजा विधि

महाशिवरात्रि पूजा विधि

महाशिवरात्रि में इस विधि से करें महादेव का पूजन, जानिए पूजा विधि और नियम   


महाशिवरात्रि पर ही मां पार्वती व भगवान शिव विवाह के बंधन में बंधे थे। महाशिवरात्रि फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव व माता पार्वती को समर्पित है। इस दिन माता पार्वती व भगवान शिव शादी के बंधन में बंधे थे। इसलिए इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति को सुख और सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। तो आइए, इस आर्टिकल में महाशिवरात्रि के दिन महादेव के पूजन की विधि और नियम के बारे में जानते हैं।   


महाशिवरात्रि पूजा-विधि 


  • इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें।
  • मिट्टी के बने लोटे द्वारा पानी या दूध से शिवलिंग का अभिषेक करें। 
  • इसके पश्चात शिवलिंग पर बेलपत्र, आक-धतूरे के फूल, चावल आदि अर्पित करने चाहिए। 
  • यदि घर के निकट कोई शिव मंदिर नहीं है, तो घर में ही मिट्टी का शिवलिंग बनाकर पूजन करना चाहिए।
  • मंदिर में धूप दीप प्रज्वलित करें।
  • भगवान शिव के साथ ही माता पार्वती की पूजा अर्चना भी करें।
  • माता पार्वती को पूजा करने के बाद श्रृंगार सामग्री अर्पित करें। 
  • भोलेनाथ का अधिक से अधिक ध्यान करें और ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करें।
  • अब भगवान भोलेनाथ को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
  • अंत में भगवान शिव जी की आरती करना ना भूलें। इसके बाद सबको प्रसाद बांटें। 


महाशिवरात्रि तिथि और शुभ मुहूर्त 


इस साल महाशिवरात्रि का व्रत 26 फरवरी 2025 को रखा जाएगा। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 26 फरवरी को सुबह 11 बजकर 8 मिनट पर होगा। चतुर्दशी तिथि का समापन 27 फरवरी को सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर होगा। शिवरात्रि का व्रत करने से जहां वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है वहीं कुंवारी कन्याओं को मनचाहा जीवनसाथी की प्राप्ति होती है। महाशिवरात्रि का व्रत करने से महादेव और माता पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है। बता दें कि महाशिवरात्रि व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद किया जाता है। 


महाशिवरात्रि में रात्रि में होती है पूजा 


  • महाशिवरात्रि की पूजा रात्रि के समय एक या चार बार की जा सकती है।  रात्रि के 4 पहर होते हैं, हर पहर में शिव पूजा की जा सकती है। चारों पहर इस प्रकार हैं। 
  • महाशिवरात्रि के दिन प्रथम पहर रात्रि पूजा शाम 06 बजकर 43 मिनट से रात 09 बजकर 47 मिनट तक रहेगा। 
  • दूसरा पहर रात्रि पूजा रात 09 बजकर 31 मिनट से 27 फरवरी को मध्यरात्रि 12 बजकर 51 मिनट तक रहेगा। 
  • तीसरा पहर रात्रि पूजा 27 फरवरी को मध्यरात्रि 12 बजकर 51 मिनट से भोर 3 बजकर 55 मिनट तक रहेगा। 
  • वहीं, चौथा पहर रात्रि पूजा 27 फरवरी के भोर में 3 बजकर 55 मिनट से सुबह 6 बजकर 59 मिनट तक रहेगा।



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