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परशुराम जयंती पर अवश्य जाएं ये महादेव मंदिर

परशुराम जयंती पर अवश्य जाएं ये महादेव मंदिर

Parshuram Mandir Rajasthan: परशुराम जयंती पर जाए महादेव मंदिर, इससे भगवान परशुराम होते हैं प्रसन्न


परशुराम जयंती के अवसर पर यदि आप एक पवित्र और प्रकृति से जुड़ा आध्यात्मिक अनुभव लेना चाहते हैं, तो राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित परशुराम महादेव मंदिर आपके लिए एक बेहतरीन सुझाव है। यह मंदिर अपनी भौगोलिक स्थिति, धार्मिक मान्यताओं और प्राकृतिक सुंदरता के कारण अत्यंत खास महत्व रखता है। साथ ही, इसे ‘राजस्थान का अमरनाथ’ भी कहा जाता है।

भगवान परशुराम ने स्वयं किया था इस मंदिर का निर्माण

अरावली की पहाड़ियों के बीच बसी यह
मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। लेकिन इसे परशुराम महादेव मंदिर कहा जाता है, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि भगवान परशुराम ने अपने फरसे से इस मंदिर का निर्माण किया था। इसलिए मंदिर के अंदर भगवान शिव और परशुराम की मूर्तियां स्थापित हैं। साथ ही, एक प्राकृतिक जल कुंड भी है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसे स्वयं भगवान परशुराम ने बनाया था। 

शिव मंदिर की यात्रा है अत्यंत खूबसूरत 

परशुराम महादेव मंदिर, राजस्थान के राजसमंद जिला में कुंभलगढ़ किले से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सबसे पहले आप ट्रेन या बस से पाली शहर पहुंचें फिर ऑटो या टैक्सी के माध्यम से आसानी से यहां पहुंच सकते हैं। रास्ता पहाड़ी है, लेकिन बेहद खूबसूरत और प्राकृतिक सौंदर्य से भरा हुआ है।

शिव मंदिर की यात्रा के दौरान ठहरने के लिए श्रेष्ठ स्थान 

कुंभलगढ़ एक प्रमुख पर्यटन स्थल है,  जहां अनेक होटल, रिसॉर्ट्स और गेस्ट हाउस मौजूद हैं। यहां आपको लक्ज़री से लेकर बजट फ्रेंडली हर तरह की रुकने की सुविधा मिल जाएगी। साथ ही, सादड़ी कस्बा भी एक अच्छा सुझाव है, जो मंदिर के पास ही स्थित है। यहां भी कई होटल और गेस्ट हाउस उपलब्ध हैं, जिनमें आप आसानी से रुक कर आराम कर सकते हैं।
अगर आप गांव के जीवन और शांति का अनुभव लेना चाहते हैं, तो कुंभलगढ़ और सादड़ी के बीच स्थित छोटे गांवों में होमस्टे या ढाबा-गेस्ट हाउस में भी रुक सकते हैं, जो बजट अनुकूल हैं और लोकल संस्कृति से भी परिचय कराते हैं।

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चैत्र नवरात्रि घटस्थापना विशेष मुहूर्त

चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से शुरू हो रही है और 6 अप्रैल को समाप्त होगी। यानी नवरात्रि में घटस्थापना 30 मार्च और रामनवमी 6 अप्रैल को होगी। नवरात्रि इस बार रविवार से शुरू होगी, इसलिए इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी।

मां दुर्गा की सवारी कैसे तय होती है

साल 2025 में चैत्र नवरात्रि 30 मार्च, रविवार से शुरू हो रही है। हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का बहुत महत्व है। चैत्र मास हिंदू नववर्ष का पहला महीना होता है। चैत्र नवरात्रि में देवी दुर्गा की पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और नौ दुर्गाओं का आशीर्वाद बना रहता है।

देवी दुर्गा के देशभर में प्रमुख मंदिर

चैत्र नवरात्रि 30 मार्च 2025 रविवार से शुरू होकर 7 अप्रैल 2025 सोमवार को समाप्त होगी। इस पावन अवसर पर आप देश के विभिन्न प्रसिद्ध दुर्गा मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं।

मां दुर्गा की सवारी के शुभ और अशुभ संकेत

हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का बहुत महत्व है। ये विशेष पर्व हर साल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होकर नौ दिनों तक चलता है। इस बार 2025 में चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से शुरू होकर 7 अप्रैल तक चलेगी। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है।

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