Sawan Chautha Somwar 2025: सावन महीना का चौथा सोमवार व्रत कब पड़ेगा, जानें सही तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास भगवान शिव की आराधना का सबसे पवित्र समय होता है। इस महीने के प्रत्येक सोमवार का विशेष महत्व है, लेकिन चौथा और अंतिम सोमवार खास इसलिए होता है क्योंकि यह पूरे सावन की भक्ति यात्रा का अंतिम चरण होता है। 2025 में सावन का अंतिम सोमवार 4 अगस्त को पड़ेगा। यह दिन शिवभक्तों के लिए विशेष फल देने वाला माना जाता है।
तिथि और मुहूर्त
सावन का चौथा सोमवार 4 अगस्त को शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर पड़ेगा। दशमी तिथि 3 अगस्त की सुबह 9:42 से शुरू होकर 4 अगस्त की सुबह 11:41 तक रहेगी।
शुभ मुहूर्त:
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:20 से 5:02
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00 से 12:54
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 7:10 से 7:31
- अमृत काल: 5 अगस्त की सुबह 1:47 से 3:32
- प्रदोष काल: शाम सूर्यास्त के बाद लगभग 7:10 से रात 8:30 तक
पूरे दिन को ही शुभ माना गया है, लेकिन प्रदोष काल में पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है।
पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें।
- घर या मंदिर में शिवलिंग की स्थापना करें।
- सबसे पहले जल, फिर दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से अभिषेक करें।
- बेलपत्र, धतूरा, शमी पत्र, सफेद फूल, चंदन, फल आदि अर्पित करें।
- ‘ॐ नमः शिवाय’ या महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करें।
- शिव चालीसा या व्रत कथा का पाठ करें और अंत में आरती करें।
- प्रसाद चढ़ाकर परिवारजनों में बांटें।
महत्व
यह सोमवार पूरे सावन में की गई पूजा और तपस्या के पूर्ण फल का दिन होता है। मान्यता है कि इस दिन की गई पूजा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-शांति आती है। यह दिन विशेष रूप से वैवाहिक जीवन में सामंजस्य, संतान सुख, रोगों से मुक्ति और आर्थिक समस्याओं से छुटकारा दिलाने वाला माना जाता है।
व्रत के नियम
- सात्विक और संयमित जीवनशैली अपनाएं।
- मांसाहार, शराब और नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
- झूठ, क्रोध और वाणी की कठोरता से बचें।
- दिन में एक बार फलाहार करें और सेंधा नमक का उपयोग करें।
क्या खाएं, क्या नहीं
क्या खाएं
- फल, दूध, दही, मखाना, कुट्टू, साबूदाना, आलू, शकरकंद
- सूखे मेवे: बादाम, काजू, किशमिश आदि
- सेंधा नमक ही प्रयोग करें
क्या न खाएं
- गेहूं, चावल, दालें, प्याज, लहसुन
- सामान्य नमक
- मांसाहारी भोजन और नशा