सावन का महीना शिवभक्तों के लिए विशेष महत्त्व रखता है। यह काल भगवान शिव की आराधना, रुद्राभिषेक और विशेष पूजन के लिए अत्यंत पवित्र माना गया है। ऐसी मान्यता है कि इस मास में श्रद्धा एवं नियमपूर्वक शिवलिंग पर पवित्र वस्तुएं अर्पित करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
भगवान शिव को गंगा अत्यंत प्रिय हैं। शिवपुराण के अनुसार, शिव की जटा से ही मां गंगा का प्राकट्य हुआ था। इसलिए गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करने से पापों का नाश होता है, और मन, वचन, कर्म की शुद्धि प्राप्त होती है। यह शांति, शुद्धिकरण और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक माना जाता है।
गाय का दूध अर्पण करना समस्त इच्छाओं की पूर्ति का मार्ग प्रशस्त करता है। शिवपुराण में वर्णित है कि दूध से अभिषेक करने से मानसिक तनाव दूर होता है और आयु, सौभाग्य और शांति की प्राप्ति होती है। विशेष रूप से सोमवार को दूध चढ़ाना अत्यंत फलदायी होता है।
त्रिदलयुक्त बेलपत्र भगवान शिव का सबसे प्रिय पत्र है। इसे ‘त्रिनेत्र’ और ‘त्रिगुण’ के प्रतीक रूप में भी देखा जाता है। शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से पापों का क्षय होता है और विशेष पुण्य फल प्राप्त होता है। प्रत्येक पत्र पर ‘ॐ नमः शिवाय’ लिखकर अर्पण करना विशेष शुभ माना गया है।
भगवान शिव को विषप्रिय कहा गया है क्योंकि उन्होंने हलाहल विष का पान कर सृष्टि की रक्षा की थी। इसी भाव के तहत धतूरा शिव को प्रिय है। यह नकारात्मक ऊर्जा, रोग और दु:खों के विनाश का प्रतीक है।
भगवान शिव योगियों के देव हैं, और उनके तपस्वी स्वरूप को भांग अत्यंत प्रिय है। भांग चढ़ाने से मन को एकाग्रता और शांति मिलती है तथा साधना में सफलता प्राप्त होती है। यह शिव की तांडव ऊर्जा का भी प्रतीक माना जाता है।
चंदन का लेप शिवलिंग पर करने से वातावरण में शीतलता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह शांति, समर्पण और सौम्यता का प्रतीक है। चंदन शिव को ठंडक प्रदान करता है, जिससे उनका रौद्र रूप शांत रहता है।
बिना टूटे हुए चावल अर्थात अक्षत, शिवलिंग पर चढ़ाने से पूर्णता और समर्पण का भाव जागृत होता है। यह प्रतीक है अखंडता और जीवन के संतुलन का। धार्मिक मान्यता है कि अक्षत चढ़ाने से कार्य सिद्धि और समृद्धि मिलती है।
दही पंचामृत का एक महत्वपूर्ण घटक है। यह शिव के अभिषेक में विशेष उपयोगी होता है। दही चढ़ाने से शीतलता, पाचन संबंधी समस्याओं से राहत और मन की प्रसन्नता प्राप्त होती है।
शहद भी पंचामृत में शामिल होता है और यह अभिषेक के दौरान मीठे भाव और मधुरता का प्रतीक माना जाता है। इसे शिवलिंग पर अर्पित करने से संबंधों में मधुरता आती है और जीवन में आकर्षण और सौभाग्य का वास होता है।
भारत देश त्योहारों का देश है और यहां हर त्यौहार का अपना महत्व और पूजा विधि है। इन्हीं त्यौहारों में से एक है छठ पूजा है, जो भगवान सूर्य को समर्पित है।
छठ पूजा एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि से लेकर सप्तमी तिथि तक मनाया जाता है। इस दौरान सूर्य देवता और छठी मैया की पूजा अर्चना की जाती है।
छठ पूजा एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो सूर्य देव और छठी मैया की पूजा के लिए मनाया जाता है। यह त्योहार पूरे भारत में मनाया जाता है लेकिन बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में इसका विशेष महत्व है।
फागुन मास की पूर्णिमा के दिन छोटी होली मनाई जाती है। इस साल छोटी होली 13 मार्च को मनाई जाएगी और ये मौका अपने घर में खुशहाली लाने का सबसे अच्छा समय है।