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हे शिव भोले मुझ पर, दो ऐसा रंग चढ़ाय(Hey Shiv Bhole mMujhpar Do Aisa Rang Chadaye)

हे शिव भोले मुझ पर, दो ऐसा रंग चढ़ाय(Hey Shiv Bhole mMujhpar Do Aisa Rang Chadaye)

हे शिव भोले मुझ पर,

दो ऐसा रंग चढ़ाय,

रोम रोम मेरा शिव बोले,

मन बोले नमः शिवाय ॥


हे शिव शंकर हे करुणाकर,

हे त्रिभुवन के स्वामी,

है रामेश्वर जय महाकाल,

श्री नागेस्वर अन्तर्यामी,

बैधनाथ है सोमनाथ,

तुम भोले दिगम्बराय,

रोम रोम मेरा शिव बोले,

मन बोले नमः शिवाय ॥


मन मेरा शिवाला हो,

और दिल में हो तेरी मूरत,

जब जब भी आंखे खोलू,

मेरे सामने तेरी हो सूरत,

अब रहे न तुमसे दूरी,

कर दो ऐसा उपाय,

रोम रोम मेरा शिव बोले,

मन बोले नमः शिवाय ॥


स्वार्थ भरी दुनिया में भोले,

एक आसरा तेरा,

पक्का है विश्वास मुझे,

तू भर देगा दामन मेरा,

‘दिलबर’ दिल से दिल का,

ये तार जुड़ जाय,

रोम रोम मेरा शिव बोले,

मन बोले नमः शिवाय ॥


हे शिव भोले मुझ पर,

दो ऐसा रंग चढ़ाय,

रोम रोम मेरा शिव बोले,

मन बोले नमः शिवाय ॥

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कामदा एकादशी 2025 उपाय

हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व होता है, और चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी कहा जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

मेष संक्रांति 2025 कब है

हिंदू पंचांग के अनुसार, जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है, तो उस दिन को संक्रांति कहा जाता है। एक वर्ष में कुल 12 संक्रांति होती हैं, लेकिन इन सभी में मेष संक्रांति का विशेष महत्व है।

विकट संकष्टी चतुर्थी पर चंद्र दर्शन का समय

हिन्दू धर्म में विकट संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश का एक महत्वपूर्ण पर्व होता है, जिसे भक्त भगवान गणेश की कृपा प्राप्ति और सभी विघ्नों के नाश के लिए करते हैं।

विकट संकष्टी व्रत विधि

विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन भक्त भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करते है तथा उपवास रखते है। ऐसा कहा जाता है की यह व्रत करने से जीवन की बाधाओं और परेशानियों से मुक्ति मिलती है।

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