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इस्कॉन मंदिर गाजियाबाद (Iskcon Temple Ghaziabad)

इस्कॉन मंदिर गाजियाबाद (Iskcon Temple Ghaziabad)

गाजियाबाद के इस्कॉन मंदिर की जन्माष्टमी दूर-दूर तक है प्रसिद्ध, 2007 में हुआ था निर्माण 


गाजियाबाद के राजनगर में स्थित इस्कॉन मंदिर दिल्ली एनसीआर सहित देशभर के श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। यह इस्कॉन संस्था द्वारा दिल्ली और उसके आसपास संचालित सातवां मंदिर है। गाजियाबाद शहर के इस्कॉन मंदिर की जन्माष्टमी बहुत प्रसिद्ध है। यहां जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान मंदिर को भव्य तरीके से सजाया जा रहा है, ताकि भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को और भी खास बनाया जा सके। मंदिर प्रबंधन द्वारा इस दिन विशेष पूजा-अर्चना के साथ भक्तों के लिए कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में मनोरंजक और धार्मिक कथाओं के मंचन मुख्य हैं। इस दौरान भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं और भजन-कीर्तन और नृत्य नाटिका को मुख्य रूप से शामिल जाता है।


मंदिर का इतिहास 


राष्ट्रीय राजधानी में यह इस्कॉन का सातवां मंदिर है। नित्यानंद त्रियोदशी के शुभ दिन पर तीन दिवसीय उद्घाटन समारोह के दौरान 31 जनवरी, 2007 को इसका उद्घाटन किया गया था। इस दौरान गाजियाबाद के मेयर ने मंदिर परिसर का नाम “हरे कृष्ण स्क्वायर” और मंदिर की ओर जाने वाली सड़क का नाम “हरे कृष्ण मार्ग” रखकर भगवान के प्रति सरकार के समर्पित भाव का उदाहरण पेश किया था।

इस चार मंजिलें मंदिर और पंद्रह कमरों वाले गेस्ट हाउस के निर्माण में लंदन में रहने वाले अरोड़ा परिवार का सबसे बड़ा सहयोग रहा। मंदिर जयपुर के गुलाबी पत्थरों से बना है, जिसमें लकड़ी की नक्काशीदार वेदियाँ, इतालवी संगमरमर के फर्श, सोने की पत्ती वाली छत की आकृतियाँ, झूमर और एक सर्पिल सीढ़ी इसकी शोभा बढ़ा रही हैं। 


रोजाना होती है छह आरती 


इस्कॉन मंदिर में रोज 6 आरती होती हैं। इसमें मंगला आरती, राज भोग आरती, संध्या आरती, शयन आरती शामिल हैं। सबसे पहले सुबह 4:30 बजे मंगला आरती से शुरूआत होती है और शाम 7 बजे संध्या आरती के बाद रात 8:30 बजे शयन आरती के साथ यह क्रम समाप्त होता है। 

आरती के दौरान मधूर स्वर में हरे कृष्णा महामंत्र का जाप करते भक्तों के द्वारा मंदिर में रोजाना अद्भुत माहौल बन दिया जाता है। लोग भक्तिमय रस में डूबे हुए भगवान श्री कृष्ण को याद करते हैं। यहां जन्माष्टमी, रामनवमी, गौरी पूर्णिमा और राधाष्टमी के दिनों में विशेष आयोजन होते हैं। इस दौरान मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या भी बढ़ जाती है।


मंदिर की समय सारणी 


यहां आप सुबह 4:30 से दोपहर 1:00 बजे तक और शाम 4:00 बजे से रात 8:30 बजे तक दर्शन कर सकते हैं। वही आरती का समय निम्नानुसार है।

आरती का समय: मंगला आरती - सुबह 4:30 बजे

दर्शन आरती - सुबह 7:15 बजे

राज भोज आरती - दोपहर 12:30 बजे

धूप आरती - शाम 4:15 बजे

तुलसी आरती - शाम 6:00 बजे

गौरा आरती - शाम 6:30 बजे

शयन आरती - 8 :00 बजे


मंदिर की अन्य विशेषताएं 


इस्कॉन मंदिर, गाजियाबाद हरे कृष्ण रोड पर इस्कॉन चौक पर स्थित है। यह इस्कॉन सोसायटी का एक और भव्य मंदिर है। हालांकि अन्य इस्कॉन मंदिरों की तुलना में यह मंदिर अपेक्षाकृत छोटा है, लेकिन इसकी वास्तुकला बहुत शानदार है। इसमें रामायण और महाभारत के भारतीय महाकाव्यों पर आधारित एक स्मारिका स्टोर और एक मल्टीमीडिया संग्रहालय मुख्य आकर्षण है। यहां की जन्माष्टमी दिल्ली एनसीआर में बहुत प्रसिद्ध है।इस धार्मिक स्थल पर एक पुस्तकालय भी है जिसमें दुनिया भर के धार्मिक ग्रंथों का संग्रह है। शाम का फव्वारा शो यहाँ का एक और प्रमुख आकर्षण है। 


इस्कॉन क्या है?


इस्कॉन का पूरा नाम इंटरनेशनल सोसायटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस है जो आध्यात्मिक संस्था के रूप में हिंदू धर्म के गौड़ीय-वैष्णव संप्रदाय के द्वारा संचालित है। यह हिंदू संस्कृति के सभी देवी देवताओं को मानते हैं किन्तु इसके अनुयायी कृष्ण भक्ति में लीन रहते हैं, क्योंकि इस्कॉन में भगवान श्री कृष्ण को प्रधानता प्राप्त हैं।

कृष्ण चेतना आंदोलन के तहत् इस्कॉन की स्थापना जुलाई 1966 में न्यूयॉर्क शहर में भक्ति वेदांत स्वामी प्रभुपाद ने की थी। आज दुनिया के हर देश के बड़े शहरों में इस्कॉन मंदिर है और लाखों अनुयायी इसके चलते श्री कृष्ण भक्ति में डूबे हुए हैं।

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