भारत में कृष्ण के मंदिर हजारों की संख्या में स्थापित हैं, लेकिन क्या आपने कभी ऐसा मंदिर देखा है जहां श्री कृष्ण-राधा के साथ-साथ रुक्मिणी भी विराजमान हों? उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में स्थित मुरली मनोहर मंदिर में यह अद्भुत नजारा देखने को मिलता है।
इस मंदिर का इतिहास लगभग 250 साल पुराना है और यहां राधा-कृष्ण और रुक्मिणी की पूजा की जाती है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि यह देश का पहला ऐसा मंदिर है जहां राधा-कृष्ण और रुक्मिणी साथ हैं। इस साल रूक्मिणी अष्टमी 22 दिसंबर को मनाई जा रही है। ऐसे में इस अवसर पर आइए जानते हैं इस मंदिर के बारे में, इसकी विशेषताओं के बारे में और साथ ही जानेंगे यहां तक कैसे पहुंच सकते हैं।
मुरली मनोहर मंदिर झांसी जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। इस मंदिर में भगवान श्री कृष्ण, राधा और रुक्मिणी की मूर्तियां स्थापित हैं। यह मंदिर अपनी अनोखी वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर श्रद्धालु भगवान श्री कृष्ण, राधा और रुक्मिणी की पूजा-अर्चना करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। मुरली मनोहर मंदिर झांसी जिले की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
हवाई मार्ग से: झांसी से 103 किमी दूर ग्वालियर पास का हवाई अड्डा है। वहीं दिल्ली का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा झांसी से 321 किमी दूर है।
रेल मार्ग से: झांसी दिल्ली-चेन्नई मार्ग पर एक जरूरी रेलवे स्टेशन है। देश के अधिकतर प्रमुख शहर जैसे मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, आगरा, भोपाल, ग्वालियर आदि झांसी से रेल द्वारा कनेक्टेड हैं।
सड़क मार्ग से: झांसी देश के कई प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छे से कनेक्टेड है। आगरा, खजुराहो, दिल्ली, कानपुर, लखनऊ आदि जैसे शहरों तक झांसी से सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।
मन की मुरादें, पूरी कर माँ,
दर्शन करने को मैं तो आउंगी ।
मन मोहन मूरत तेरी प्रभु,
मिल जाओगे आप कहीं ना कहीं ।
मन तड़पत हरि दर्शन को आज
मोरे तुम बिन बिगड़े सकल काज
सिया राम जी के चरणों के दास बाला जी,
भक्तों के रहते सदा पास बाला जी,