अवध में राम आए हैं (Awadh Mein Ram Aaye Hain)

जय जय हो राम तुम्हारी

लखन सिया के संग खरारी

जय जय हे कृपासिंधु जी

रामचंद्र जय जय अनुरागी


लखन सिया हनुमत जी को,

ले के वो संग आये हैं

रूप हो जैसे गगन से सूर्य धरा पर छाए हैं

मेरे राम

मेरे राम वर्षों बाद ये बड़भाग लाये हैं

बजाओ ढोल स्वागत में अवध में राम आए

बजाओ ढोल स्वागत में अवध में राम आए


जय जय हो राम तुम्हारी

लखन सिया के संग खरारी

जय जय हे कृपासिंधु जी

रामचंद्र जय जय अनुरागी


नीलाम्बुज श्यामल कोमलांगम

सीतासमारोपित वामभागम् ।

पाणौ महासायकचारूचापं

नमामि रामं रघुवंशनाथम् ॥

नमामि रामं रघुवंशनाथम् ॥


चौदाह भुवन तीन लोकों में जो न कभी समाये हैं

परमपिता वो बीच हमारे राजा बनकर आये हैं

बरसों से थे नयन बिछाये हमने आपकी राहों में

आज हुई पूरी अभिलाषा बस गए राम निगाहों में

हम चाहे

हम चाहे कैसे भी हो पर, हे राम तुम्हारे हैं

करो स्वीकार हमारा प्रेम, यही उपहार लाये हैं

बजाओ ढोल स्वागत में, अवध में राम आए हैं


जय जय हो राम तुम्हारी

लखन सिया के संग खरारी

जय जय हे कृपासिंधु जी

रामचंद्र जय जय अनुरागी


शबरी बन तेरी राह निहारूं, तेरे दर्शन की आशा

बन केवट तेरे पांव पखारूँ, मैं जन्मों का प्यासा

नगर डगर पे कब से

नगर डगर पे कब से तेरा रास्ता देखूं राम

इन नैनन में तेरी छवि के, दर्शन की अभिलाषा

मेरे ये नैन केवट से, बुझने प्यास आए हैं

मेरे ये नैन केवट से, बुझने प्यास आए हैं

बजाओ ढोल स्वागत में अवध में राम आए

बजाओ ढोल स्वागत में अवध में राम आए

बजाओ ढोल स्वागत में अवध में राम आए


सियावर रामचंद्र की जय !

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राम सिया आने वाले है: भजन (Ram Siya Aane Wale Hain)

सारी दुनिया में अब लोगो के दुःख कटने वाले हैं,
राम सिया आने वाले है अवध में आने वाले है,

भोले तेरी कृपा से युग आते युग जाते है (Bhole Teri Kripa Se Yug Aate Yug Jate Hain)

भोले तेरी कृपा से
युग आते युग जाते है

ओम सुंदरम ओमकार सुंदरम (Om Sundaram Omkar Sundaram)

ओम सुंदरम ओमकार सुंदरम,
शिव सुंदरम शिव नाम सुंदरम,

सकट चौथ यम नियम

सकट चौथ हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत मुख्य रूप से सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं। इस दिन भगवान गणेश के साथ माता पार्वती की पूजा की जाती है।

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