डमरू वाले भोले भाले ॥
दोहा – महाकाल तुम काशी वाले,
शिव भोले भंडारी,
तीन लोक चरणन में झुकते,
हे नीलकंठ त्रिपुरारी ॥
डमरू वाले भोले भाले,
देवो में तुम देव निराले,
गंगा धारण करने वाले,
शिव भोले जय शिव भोले,
बम भोले जय बम भोले ॥
माथे पे चंदा सोहे है,
गले सर्प माला मोहे है,
तन पे भभूति रमाए है,
डम डम डमरू बजाए है,
झोली सबकी भरने वाले,
पार सभी को करने वाले,
गंगा धारण करने वाले,
शिव भोले जय शिव भोले,
बम भोले जय बम भोले ॥
असुरों को वरदान दिए,
विष ये हलाहल आप पिए,
रावण को लंका दीन्हि,
ब्रम्हा को सब वेद दिए,
भक्तों के तुम हो रखवाले,
लीला अजब हो रचने वाले,
गंगा धारण करने वाले,
शिव भोले जय शिव भोले,
बम भोले जय बम भोले ॥
गंगा जल जो चढ़ाए है,
मुंह माँगा फल पाए है,
शिव की पिंडी पर जिसने,
चन्दन तिलक लगाए है,
उसके काम कभी ना टाले,
उन भक्तों को आप संभाले,
गंगा धारण करने वाले,
शिव भोले जय शिव भोले,
बम भोले जय बम भोले ॥
तन पे भभूती रमाए है,
मृगछाला लिपटाए है,
एक हाथ में त्रिशूल सजे,
दूजे डमरू बजाए है,
योगी रूप में रहने वाले,
कंद मूल फल खाने वाले,
भव से पार लगाने वाले,
शिव भोले जय शिव भोले,
बम भोले जय बम भोले ॥
डमरू वाले भोले भाले,
देवो में तुम देव निराले,
गंगा धारण करने वाले,
शिव भोले जय शिव भोले,
बम भोले जय बम भोले ॥
भारतीय संस्कृति में शुभ मुहूर्त का महत्व सदियों से जारी है। चाहे वह शादी-विवाह हो, मुंडन, अन्य अनुष्ठान, या फिर संपत्ति की खरीदारी, शुभ मुहूर्त का पालन करना अत्यंत आवश्यक माना जाता है।
साल 2025 में अपने नन्हे मेहमान के आगमन के साथ आप उनके नामकरण संस्कार की तैयारी में जुट गए होंगे। यह एक ऐसा पल है जो न केवल आपके परिवार के लिए बल्कि आपके बच्चे के भविष्य के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।
मुंडन संस्कार के संदर्भ में जून का महीना विशेष महत्व रखता है, खासकर 2025 में। जिस तरह जून की गर्मी जीवन में जोश और ऊर्जा लाती है, उसी तरह इस महीने में किए गए संस्कार से बच्चे को आशीर्वाद और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
यदि आप जून 2025 में कर्णवेध संस्कार या कान छेदन करने का प्लान बना रहे हैं, तो जून महीने में कुल 9 शुभ मुहूर्त हैं। इन शुभ मुहूर्तों को ध्यान में रखकर आपका संस्कार सफल और शुभ होगा।