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हरि नाम के रस को पी पीकर (Hari Naam Ke Ras Ko Pee Peekar)

हरि नाम के रस को पी पीकर (Hari Naam Ke Ras Ko Pee Peekar)

हरि नाम के रस को पी पीकर,

आनंद में जीना सीख लिया,

हरी नाम के रस को पी पीकर,

आनंद में जीना सीख लिया,

आनंद में जीना सीख लिया,

आनंद में जीना सीख लिया,

प्रभु प्रेम प्याला सत्संग में,

जाकर के पीना सीख लिया,

हरी नाम के रस को पी पीकर,

आनंद में जीना सीख लिया ॥


हरी नाम की मस्ती अनोखी है,

पी करके हमने देखी हैं,

सब चिंताओं को छोड़ के अब,

मस्ती में रहना सीख लिया,

हरी नाम के रस को पी पीकर,

आनंद में जीना सीख लिया ॥


पीकर के आनंद आता है,

यह झूठा जग नहीं भाता है,

तुम भी थोड़ी सी पिया करो,

यह सब से कहना सीख लिया,

हरी नाम के रस को पी पीकर,

आनंद में जीना सीख लिया ॥


हरि नाम में चूर जो रहते हैं,

माया से दूर वो रहते हैं,

हरी याद रहे हर पल हमको,

प्रभु नाम को जपना सीख लिया,

हरी नाम के रस को पी पीकर,

आनंद में जीना सीख लिया ॥


कहना यह चित्र-विचित्र का है,

मुश्किल से मिलता मौका है,

हरि नाम के पागल बन जाओ,

सब को समझाना सीख लिया,

हरी नाम के रस को पी पीकर,

आनंद में जीना सीख लिया ॥


हरि नाम के रस को पी पीकर,

आनंद में जीना सीख लिया,

हरी नाम के रस को पी पीकर,

आनंद में जीना सीख लिया,

आनंद में जीना सीख लिया,

आनंद में जीना सीख लिया,

प्रभु प्रेम प्याला सत्संग में,

जाकर के पीना सीख लिया,

हरी नाम के रस को पी पीकर,

आनंद में जीना सीख लिया ॥


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संगम नहीं जा पाए तो ऐसे ले कुंभ का पुण्य लाभ

महाकुंभ मेले की भव्यता की बातें चारों ओर हो रही हैं। कड़ाके की ठंड होने के बावजूद लाखों की संख्या में लोग गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान कर रहे हैं। मान्यता है कि कुंभ में नदी स्नान से मनुष्यों के सारे पाप धुल जाते हैं।

कुंभ नगरी में स्नान के लाभ

अमावस्या एक ऐसा दिन होता है जब ना तो चंद्रमा क्षय होता है ना ही उदित। दरअसल, अमावस्या सूर्य और चंद्र के मिलन का समय होता है। चंद्रमा हमारे मन मस्तिष्क पर सबसे अधिक प्रभाव डालता है।

महाकुंभ के संन्यासी

संगम तट पर लगे महाकुंभ में लाखों साधु-संत अपनी धुनी रमाए प्रभु की भक्ति में लीन हैं। इनमें नागा साधु, अघोरी, साधु, संत शामिल हैं। इन संतों में कई तरह के संन्यासी आए हुए हैं। इन्हें लेकर कई तरह के रहस्य भी लोगों के मन में हैं।

मौनी अमावस्या अशुभ मुहूर्त

हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को स्नान और दान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। प्रत्येक माह आने वाली अमावस्या को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं।

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