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हरि नाम के रस को पी पीकर (Hari Naam Ke Ras Ko Pee Peekar)

हरि नाम के रस को पी पीकर (Hari Naam Ke Ras Ko Pee Peekar)

हरि नाम के रस को पी पीकर,

आनंद में जीना सीख लिया,

हरी नाम के रस को पी पीकर,

आनंद में जीना सीख लिया,

आनंद में जीना सीख लिया,

आनंद में जीना सीख लिया,

प्रभु प्रेम प्याला सत्संग में,

जाकर के पीना सीख लिया,

हरी नाम के रस को पी पीकर,

आनंद में जीना सीख लिया ॥


हरी नाम की मस्ती अनोखी है,

पी करके हमने देखी हैं,

सब चिंताओं को छोड़ के अब,

मस्ती में रहना सीख लिया,

हरी नाम के रस को पी पीकर,

आनंद में जीना सीख लिया ॥


पीकर के आनंद आता है,

यह झूठा जग नहीं भाता है,

तुम भी थोड़ी सी पिया करो,

यह सब से कहना सीख लिया,

हरी नाम के रस को पी पीकर,

आनंद में जीना सीख लिया ॥


हरि नाम में चूर जो रहते हैं,

माया से दूर वो रहते हैं,

हरी याद रहे हर पल हमको,

प्रभु नाम को जपना सीख लिया,

हरी नाम के रस को पी पीकर,

आनंद में जीना सीख लिया ॥


कहना यह चित्र-विचित्र का है,

मुश्किल से मिलता मौका है,

हरि नाम के पागल बन जाओ,

सब को समझाना सीख लिया,

हरी नाम के रस को पी पीकर,

आनंद में जीना सीख लिया ॥


हरि नाम के रस को पी पीकर,

आनंद में जीना सीख लिया,

हरी नाम के रस को पी पीकर,

आनंद में जीना सीख लिया,

आनंद में जीना सीख लिया,

आनंद में जीना सीख लिया,

प्रभु प्रेम प्याला सत्संग में,

जाकर के पीना सीख लिया,

हरी नाम के रस को पी पीकर,

आनंद में जीना सीख लिया ॥


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शिव की तीसरी आंख का रहस्य क्या है

कभी आपने सोचा है कि महादेव की तीसरी आंख क्यों चमकती है? क्या आप जानते हैं कि इस तीसरी आंख ने कई बार संसार को बचाया भी है और तबाह भी किया है। हिंदू धर्म में महादेव को देवों के देव कहा जाता है। धार्मिक शास्त्रों में भगवान शिव की अनेकों कथाएं प्रचलित हैं।

कुंभ और अखाड़ों का क्या संबंध है?

कुंभ मेला भारत की प्राचीन धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है, जिसे विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन माना जाता है। हर 12 साल में होने वाले इस आयोजन का मुख्य आकर्षण साधु संतों के अखाड़े होते हैं। अखाड़े हिंदू धर्म के प्रमुख संगठन , जो सनातन के प्रचार-प्रसार का काम करते है।

प्रयागराज के संगम तट पर स्नान के फायदे

प्रयागराज हिंदू धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में गिना जाता है। महादेव की इस पावन नगरी में 12 जनवरी से 26 फरवरी के बीच कुंभ मेले का आयोजन होने वाला है। देश-दुनिया से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां के संगम घाट पर स्नान करने पहुचेंगे। यह घाट करोड़ों श्रद्धालुओं को सबसे बड़ा आस्था का केंद्र है।

प्रयागराज के सुंदर घाट

प्रयागराज में अगले साल 13 जनवरी से 26 फरवरी से कुंभ मेला का आयोजन होने वाला है। इसके लिए तैयारियां जोरों- शोरों से चल रही है। हिंदू धर्म के मुताबिक कुंभ में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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