नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय,
भस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय,
तस्मै नकाराय नमः शिवाय ॥
भारत मध्ये
स्वयंभू ज्योतिर्लिंग यजामहे
हे परब्रह्म परमेश्वर
शिव शंभू दयामहे
शिप्रा के तट पे अवंतिका उज्जैनी नगरी
महादेव के मनन में
है मगन सगरी
माँ हर सिद्धि पीठ का
लिखा विराजे शिव शिव जापे
आठ पेहर 64 घड़ियाँ
चख शीश नीवाते
यक्ष दक्ष करे भस्म आरती
शृंगार दर्शन
ऋषि-मुनि ध्यानी
हर हर हर करे भस्म लेपन
बाजे झाझ मांझिरा
डमरू मृदंग
जय श्री महाकाल
जय जय श्री महाकाल
जय श्री महाकाल
जय जय श्री महाकाल
जय श्री महाकाल
जय जय श्री महाकाल
जय श्री महाकाल
जय जय श्री महाकाल
जय श्री महाकाल
जय जय श्री महाकाल
जय श्री महाकाल
जय जय श्री महाकाल
काल के गाल में समाता विश्व सारा
लख चोरासी में भरमाता जगत प्रसारा
शिवा शेखर नटराज गंगाधर उज्जैनी के राजा
नीलकंठ है चंद्रमोली ब्रम्हांड के महाराजा
विष धारक है जग तारक रा
तीनो लोक संभाल
काल भी जिसके वशीभूत है
शिव शंभू महाकाल
जय श्री महाकाल
जय जय श्री महाकाल
जय श्री महाकाल
जय जय श्री महाकाल
जय श्री महाकाल
जय जय श्री महाकाल
जय श्री महाकाल
जय जय श्री महाकाल
जय श्री महाकाल
जय जय श्री महाकाल
जय श्री महाकाल
जय जय श्री महाकाल
काल भैरव के समक्ष दैत्य भी
क्षमा याचना करते
महादेव के रौद्र रूप से
दानव अकाल मृत्यु मरते
विष धारक है जग तारक रा
तीनो लोक संभाल
काल भी जिसके वशीभूत है
शिव-शंभू महाकाल
जय श्री महाकाल
जय जय श्री महाकाल
जय श्री महाकाल
जय जय श्री महाकाल
जय श्री महाकाल
जय जय श्री महाकाल
जय श्री महाकाल
जय जय श्री महाकाल
जय श्री महाकाल
जय जय श्री महाकाल
जय श्री महाकाल
जय जय श्री महाकाल
प्रदोष व्रत एक महत्वपूर्ण हिंदू व्रत है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। इस दिन भक्त भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं और उनके निमित्त प्रदोष व्रत रखते हैं।
शाबर मंत्र भारतीय आध्यात्मिक परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इन मंत्रों की रचना ऋषि-मुनियों और सिद्ध महात्माओं ने साधारण भाषा में की थी, ताकि हर व्यक्ति इन्हें समझ सके और उपयोग कर सके।
प्रदोष व्रत सनातन धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है। हर महीने दो प्रदोष व्रत और पूरे साल में 24 व्रत होते हैं।
'मंत्र' का अर्थ है मन को एकाग्र करने और अनावश्यक विचारों से मुक्त करने का एक सरल उपाय। आज की तेज़ भागदौड़ भरी ज़िंदगी में मानसिक शांति प्राप्त करना अत्यंत कठिन हो गया है।