झूले पलना में कृष्ण कन्हैया,
बधाई बाजे गोकुल में,
बधाई बाजे गोकुल में,
बधाई बाजे गोकुल में,
झूलें पलना में कृष्ण कन्हैया,
बधाई बाजे गोकुल में ॥
नन्द भवन की शोभा न्यारी,
तीन लोक जाएं बलिहारी,
बाजे नोपत ढोल शहनईया,
बधाई बाजे गोकुल में,
बधाई बाजे गोकुल में,
झूलें पलना में कृष्ण कन्हैया,
बधाई बाजे गोकुल में ॥
धन्य भयो नन्द बाबा को अंगना,
पूरण ब्रम्ह झूल रह्यो पलना,
श्याम तन पे पीत झगुलिया,
बधाई बाजे गोकुल में,
बधाई बाजे गोकुल में,
झूलें पलना में कृष्ण कन्हैया,
बधाई बाजे गोकुल में ॥
मंगल गावे मिल ब्रजनारी,
जायो यशोदा ने गिरवर धारी,
झूमे नाचे ग्वाल ग्वालिनिया,
बधाई बाजे गोकुल में,
बधाई बाजे गोकुल में,
झूलें पलना में कृष्ण कन्हैया,
बधाई बाजे गोकुल में ॥
‘चित्र विचित्र’ जब सुनी खबरिया,
आये पकड़ ‘पागल’ की अंगुलिया,
जीवे जुग जुग नन्द जु को छैया,
बधाई बाजे गोकुल में,
बधाई बाजे गोकुल में,
झूलें पलना में कृष्ण कन्हैया,
बधाई बाजे गोकुल में ॥
झूले पलना में कृष्ण कन्हैया,
बधाई बाजे गोकुल में,
बधाई बाजे गोकुल में,
बधाई बाजे गोकुल में,
झूलें पलना में कृष्ण कन्हैया,
बधाई बाजे गोकुल में ॥
इस बार नए साल के पहले हफ्ते में कई व्रत-त्योहार पड़ने वाले हैं। इस बार नए साल की शुरुआत बुधवार के दिन हो रही है। ऐसे में भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करना अधिक शुभ रहेगा।
स्कंद षष्ठी हर महीने शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव के बड़े पुत्र भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है।
स्कंद षष्ठी का व्रत हर माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन रखा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2025 की पहली स्कन्द षष्ठी 05 जनवरी को मनाई जाएगी।
हर माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी का पर्व मनाया जाता है। स्कंद देव यानी भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय की पूजा की जाती हैं।