झूले पलना में कृष्ण कन्हैया,
बधाई बाजे गोकुल में,
बधाई बाजे गोकुल में,
बधाई बाजे गोकुल में,
झूलें पलना में कृष्ण कन्हैया,
बधाई बाजे गोकुल में ॥
नन्द भवन की शोभा न्यारी,
तीन लोक जाएं बलिहारी,
बाजे नोपत ढोल शहनईया,
बधाई बाजे गोकुल में,
बधाई बाजे गोकुल में,
झूलें पलना में कृष्ण कन्हैया,
बधाई बाजे गोकुल में ॥
धन्य भयो नन्द बाबा को अंगना,
पूरण ब्रम्ह झूल रह्यो पलना,
श्याम तन पे पीत झगुलिया,
बधाई बाजे गोकुल में,
बधाई बाजे गोकुल में,
झूलें पलना में कृष्ण कन्हैया,
बधाई बाजे गोकुल में ॥
मंगल गावे मिल ब्रजनारी,
जायो यशोदा ने गिरवर धारी,
झूमे नाचे ग्वाल ग्वालिनिया,
बधाई बाजे गोकुल में,
बधाई बाजे गोकुल में,
झूलें पलना में कृष्ण कन्हैया,
बधाई बाजे गोकुल में ॥
‘चित्र विचित्र’ जब सुनी खबरिया,
आये पकड़ ‘पागल’ की अंगुलिया,
जीवे जुग जुग नन्द जु को छैया,
बधाई बाजे गोकुल में,
बधाई बाजे गोकुल में,
झूलें पलना में कृष्ण कन्हैया,
बधाई बाजे गोकुल में ॥
झूले पलना में कृष्ण कन्हैया,
बधाई बाजे गोकुल में,
बधाई बाजे गोकुल में,
बधाई बाजे गोकुल में,
झूलें पलना में कृष्ण कन्हैया,
बधाई बाजे गोकुल में ॥
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