कृष्ण कन्हैया बंसी बजैया (Krishna Kanhaiya Bansi Bajaiya)

कृष्ण कन्हैया बंसी बजैया,

नंदलाला घनश्याम रे,

गोवर्धन गिरधारी कान्हा,

तेरे कितने नाम रे,

बोलो श्याम राधे श्याम,

बोलो श्याम राधे श्याम ॥


श्यामसखा गिरिवरधारी,

मुरली मनोहर बनवारी,

जितने सुंदर नाम है तेरे,

उतने सुंदर काम रे,

गोवर्धन गिरधारी कान्हा,

तेरे कितने नाम रे,

बोलो श्याम राधे श्याम,

बोलो श्याम राधे श्याम ॥


मोहन तुम ब्रज के ग्वाला,

रसिया माधव गोपाला,

तेरा ध्यान धरूँ नटनागर,

हर सुबह हर शाम रे,

गोवर्धन गिरधारी कान्हा,

तेरे कितने नाम रे,

बोलो श्याम राधे श्याम,

बोलो श्याम राधे श्याम ॥


इतना दो वरदान प्रभु,

कर दो यह एहसान प्रभु,

तेरे चरणों में बीते ये मेरी,

उम्र तमाम रे,

गोवर्धन गिरधारी कान्हा,

तेरे कितने नाम रे,

बोलो श्याम राधे श्याम,

बोलो श्याम राधे श्याम ॥


कृष्ण कन्हैया बंसी बजैया,

नंदलाला घनश्याम रे,

गोवर्धन गिरधारी कान्हा,

तेरे कितने नाम रे,

बोलो श्याम राधे श्याम,

बोलो श्याम राधे श्याम ॥

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हरियाली अमावस्या : पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने और पर्यावरण संरक्षण का अनोखा पर्व

आज 4 अगस्त यानी रविवार को हरियाली अमावस्या है, ये तिथि भगवान शिव को समर्पित श्रावण मास की एक विशेष तिथि है जो हिंदू धर्म में काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। माना जाता है कि साल के इस समय धरती हरियाली की चादर से ढक जाती है इसलिए श्रावण अमावस्या को हरियाली का त्यौहार कहा जाता है।

गणपति के चरणो में, ध्यान लगा ले रे (Ganpati Ke Charno Mein Dhyan Laga Le Re)

गणपति के चरणों में,
ध्यान लगा ले रे,

महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् - अयि गिरिनन्दिनि , Mahishasuramardini Stotram - Aayi Girinandini

अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते
गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते ।

प्रेतराज चालीसा (Pretraj Chalisa)

॥ गणपति की कर वंदना, गुरू चरनन चितलाये।

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