कृष्ण कन्हैया बंसी बजैया,
नंदलाला घनश्याम रे,
गोवर्धन गिरधारी कान्हा,
तेरे कितने नाम रे,
बोलो श्याम राधे श्याम,
बोलो श्याम राधे श्याम ॥
श्यामसखा गिरिवरधारी,
मुरली मनोहर बनवारी,
जितने सुंदर नाम है तेरे,
उतने सुंदर काम रे,
गोवर्धन गिरधारी कान्हा,
तेरे कितने नाम रे,
बोलो श्याम राधे श्याम,
बोलो श्याम राधे श्याम ॥
मोहन तुम ब्रज के ग्वाला,
रसिया माधव गोपाला,
तेरा ध्यान धरूँ नटनागर,
हर सुबह हर शाम रे,
गोवर्धन गिरधारी कान्हा,
तेरे कितने नाम रे,
बोलो श्याम राधे श्याम,
बोलो श्याम राधे श्याम ॥
इतना दो वरदान प्रभु,
कर दो यह एहसान प्रभु,
तेरे चरणों में बीते ये मेरी,
उम्र तमाम रे,
गोवर्धन गिरधारी कान्हा,
तेरे कितने नाम रे,
बोलो श्याम राधे श्याम,
बोलो श्याम राधे श्याम ॥
कृष्ण कन्हैया बंसी बजैया,
नंदलाला घनश्याम रे,
गोवर्धन गिरधारी कान्हा,
तेरे कितने नाम रे,
बोलो श्याम राधे श्याम,
बोलो श्याम राधे श्याम ॥
जमीन या संपत्ति खरीदना एक महत्वपूर्ण निर्णय है जिसमें आपका भविष्य और वित्तीय स्थिरता शामिल है। ऐसे में शुभ मुहूर्त का चयन करना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। यह न केवल आपके निवेश को सफल और लाभदायक बनाता है बल्कि आपके जीवन में स्थिरता और सुख-शांति भी लाता है।
साल 2025 में अपने नन्हे मेहमान के आगमन के साथ आप उनके नामकरण संस्कार की तैयारी में जुट गए होंगे। यह एक ऐसा पल है जो न केवल आपके परिवार के लिए बल्कि आपके बच्चे के भविष्य के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। नामकरण संस्कार, जिसमें बच्चे को उसका पहला नाम दिया जाता है। यह हिंदू धर्म में 16 प्रमुख संस्कारों में से एक है।
हिंदू धर्म में उपनयन संस्कार एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। उपनयन शब्द का अर्थ है "अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ना"। इस अनुष्ठान से बालक को धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया जाता है।
हिंदू धर्म की समृद्ध परंपरा में "सोलह संस्कार" का महत्वपूर्ण स्थान है, जो जीवन के हर महत्वपूर्ण पड़ाव को दिशा देते हैं। इन संस्कारों में से एक है अन्नप्राशन, जब बच्चा पहली बार ठोस आहार का स्वाद लेता है।