हे माँ, हे माँ, हे माँ, हे माँ
मात अंग चोला साजे,
हर रंग चोला साजे
मात की महिमा देखो,
ज्योत दिन रैना जागे
तू ओढे लाल चुनरिया,
गहनो से करे श्रृंगार
शेरो पर करे सवारी,
तू शक्ति का अवतार
तेरे तेज बहरे दो नैना,
तेरे अधरों पर मुस्कान
तेरे द्वारे शीश झुकाये,
क्या निर्धन क्या बलवान
तेरे ही नाम का मात,
जगत में डंका बाजे
मात अंग चोला साजे...
ऊँचा है मंदिर तेरा,
ऊँचा तेरा अस्थान
दानी क्या कोई दूजा,
माँ होगा तेरे सामान
जो आए श्रद्धा लेके,
वो ले जाए वरदान
हे माता तू भगतो के,
सुख दुःख का रखे ज्ञान
तेरे चरणो में आके,
भाग्य कैसे ना जागे
हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। पंचांग के मुताबिक साल 2025 का पहला प्रदोष व्रत 11 जनवरी को रखा जाएगा, इस दिन शनिवार होने के कारण यह शनि प्रदोष भी कहलाएगा।
सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा- अर्चना करने का विधान है। इस दिन से प्रयागराज में कल्पवास शुरू किया जाता है, इस दिन व्रत, स्नान दान करने से मां लक्ष्मी और विष्णु जी बेहद प्रसन्न होते हैं।
पौष माह की पूर्णिमा साल 2025 की पहली पूर्णिमा होने वाली है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से जन्मों-जन्मों के पाप से मुक्ति मिलती है। कुछ लोगों में असमंजस की स्थिति है कि पौष पूर्णिमा इस बार 13 जनवरी को या 14 जनवरी को मनाई जाएगी?
पूर्णिमा यानी शुक्ल पक्ष का 15वां दिन। यह महीने में 1 बार आती है। इस तरह पूरे साल में कुल 12 पूर्णिमा तिथि होती है। इस साल 2025 पौष पूर्णिमा 13 जनवरी को है। पौष पूर्णिमा पर स्नान व दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।