हे माँ, हे माँ, हे माँ, हे माँ
मात अंग चोला साजे,
हर रंग चोला साजे
मात की महिमा देखो,
ज्योत दिन रैना जागे
तू ओढे लाल चुनरिया,
गहनो से करे श्रृंगार
शेरो पर करे सवारी,
तू शक्ति का अवतार
तेरे तेज बहरे दो नैना,
तेरे अधरों पर मुस्कान
तेरे द्वारे शीश झुकाये,
क्या निर्धन क्या बलवान
तेरे ही नाम का मात,
जगत में डंका बाजे
मात अंग चोला साजे...
ऊँचा है मंदिर तेरा,
ऊँचा तेरा अस्थान
दानी क्या कोई दूजा,
माँ होगा तेरे सामान
जो आए श्रद्धा लेके,
वो ले जाए वरदान
हे माता तू भगतो के,
सुख दुःख का रखे ज्ञान
तेरे चरणो में आके,
भाग्य कैसे ना जागे
पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। इस तिथि पर उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र और गण्ड योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा कन्या राशि में हैं और सूर्य मीन राशि में मौजूद हैं।
पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है। इस तिथि पर हस्त नक्षत्र और वृद्धि योग का संयोग बन रहा है।
पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि है। इस तिथि पर चित्रा नक्षत्र और ध्रुव योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा तुला राशि में हैं और सूर्य मीन राशि में मौजूद हैं।
होली भाई दूज भाई-बहन के प्रेम और स्नेह के प्रतीक का त्योहार है, जो होली के बाद मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई को तिलक कर उसकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की प्रार्थना करती है।