मैंने तेरे ही भरोसे हनुमान,
सागर में नैया डाल दई ॥
काहे की या नाव बनाई,
काहे की पतवार,
रामा काहे की लगा दी जंजीर,
सागर में नैया डार दई,
मैने तेरे ही भरोसे हनुमान,
सागर में नैया डाल दई ॥
राम नाम की नाव बनाई,
भक्ति की पतवार,
ओ रामा ज्ञान की लगा दी जंजीर,
सागर में नैया डार दई,
मैने तेरे ही भरोसे हनुमान,
सागर में नैया डाल दई ॥
कौन सखी वामें बैठनहारे,
कौन है खेवनहार,
रामा कौन लगाहे बेड़ा पार,
सागर में नैया डार दई,
मैने तेरे ही भरोसे हनुमान,
सागर में नैया डाल दई ॥
सीता मैया बैठनहारी,
लक्ष्मण खेवनहार,
मोरे राम जी लगावे बेड़ा पार,
सागर में नैया डार दई,
मैने तेरे ही भरोसे हनुमान,
सागर में नैया डाल दई ॥
तुलसीदास आस रघुवर की,
चरणन में बलिहार,
मोरे बालाजी लगाहे बेडा पार,
सागर में नैया डार दई,
मैने तेरे ही भरोसे हनुमान,
सागर में नैया डाल दई ॥
मैंने तेरे ही भरोसे हनुमान,
सागर में नैया डाल दई ॥
पंचांग के अनुसार, इस वर्ष मार्गशीर्ष पूर्णिमा 15 दिसंबर को मनाई जा रही है। हिन्दू धर्म में यह एक महत्वपूर्ण तिथि है, जो भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्रदेव की पूजा के लिए समर्पित है।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा इस वर्ष 15 दिसंबर को मनाई जा रही है। यह पर्व हिन्दू धर्म में लक्ष्मीनारायण की पूजा का एक पवित्र और शुभ अवसर है।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा इस वर्ष 15 दिसंबर को मनाई जा रही है। यह पर्व हिन्दू धर्म में लक्ष्मीनारायण की पूजा का एक पवित्र और शुभ अवसर है।
मार्गशीर्ष माह भगवान कृष्ण, जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित होता है। ऐसे में इस माह में जो पूर्णिमा तिथि आती है।