मत घबरा मन बावरे,
है श्याम तेरा रखवाला,
है श्याम तेरा रखवाला॥
मत घबरा मन बावरे,
है श्याम तेरा रखवाला,
है श्याम तेरा रखवाला॥
साथ तुम्हारा कभी ना छोड़े,
मोहन मुरली वाला,
मत घबरा मन बावरे,
है श्याम तेरा रखवाला,
है श्याम तेरा रखवाला॥
करे कृपा जब सांवरा,
सब संकट कट जाए,
आग लगी चहुँ ओर हो,
तुझपर आंच ना आए,
करुणा की जब वर्षा होती,
क्या कर सकती ज्वाला,
॥ मत घबरा मन बावरें...॥
जग वाले मुँह मोड़ ले,
दुश्मन बने जमाना।
ये तू निश्चय जान ले,
निर्बल का बल कान्हा।
तुफानो में दीपक जलता,
कौन बुझाने वाला।
॥ मत घबरा मन बावरें...॥
तू कमजोर नहीं है,
तेरे साथ कन्हैया।
तेरे ऊपर पड़ रही,
मोर मुकुट की छैया।
बिन्नू इस शीतल छैया में,
फेर श्याम की माला।
॥ मत घबरा मन बावरें...॥
मत घबरा मन बावरे,
है श्याम तेरा रखवाला,
है श्याम तेरा रखवाला,
साथ तुम्हारा कभी ना छोड़े,
मोहन मुरली वाला,
॥ मत घबरा मन बावरें...॥
मत घबरा मन बावरे,
है श्याम तेरा रखवाला,
है श्याम तेरा रखवाला॥
रंग पंचमी हिंदू धर्म में एक विशेष महत्व रखती है। यह त्योहार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। भक्त वत्सल इस लेख के माध्यम से आपको बता रहे हैं कि कैसे इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी ने पहली बार होली खेली थी।
रंग पंचमी हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है और यह पर्व चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन देवी-देवता धरती पर आकर भक्तों के साथ होली खेलते हैं और उनकी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं।
रंग पंचमी का पर्व हर साल चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी ने होली खेली थी, और देवी-देवता भी होली खेलने के लिए पृथ्वी पर आए थे।
रंग पंचमी भारत का एक प्रमुख रंगीन त्योहार है, जो होली के पांच दिन बाद मनाया जाता है। इसे भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की होली से जोड़कर देखा जाता है।