नवीनतम लेख
मेरे सोये भाग जगा भी दो,
शिव डमरू वाले,
शंकर भोले भाले ।
मेरी बिगड़ी बात बना भी दो,
शिव डमरू वाले,
शंकर भोले भाले ।
तुमहे ने कैलाश पति,
लाखो को तारा ।
फिर क्यों न आया,
तुम को ध्यान तुम्हारा ।
खुशियों के फूल तुमने,
दुनिया को बांटे ।
झोली में हमारे क्या,
ये भर दिए कांटे ।
अब तो अपने दिन पलटा दो,
शिव डमरू वाले,
शंकर भोले भाले ।
मेरे सोये भाग जगा भी दो,
शिव डमरू वाले,
शंकर भोले भाले ।
मेरी बिगड़ी बात बना भी दो,
शिव डमरू वाले,
शंकर भोले भाले ।
तेरी तो जटाओ में है,
गंगा का पानी ।
पर न हमारी तुमने,
प्यास बुजाई ।
रावन को लंका देदी,
हे महादानी ।
अपने नसीबो में ये,
दुनिया पुरानी ।
कभी इस का भी चमका दो,
शिव डमरू वाले,
शंकर भोले भाले ।
मेरे सोये भाग जगा भी दो,
शिव डमरू वाले,
शंकर भोले भाले ।
मेरी बिगड़ी बात बना भी दो,
शिव डमरू वाले,
शंकर भोले भाले ।
मेहर का खजाना तेरे,
पास है विध्याता ।
उस में से थोडा बहुत,
मुझको भी दो दाता ।
कब से रोते है हँसा दो,
ओ शिव डमरू वाले,
शंकर भोले भाले ।
मेरे सोये भाग जगा भी दो,
शिव डमरू वाले,
शंकर भोले भाले ।
मेरी बिगड़ी बात बना भी दो,
शिव डमरू वाले,
शंकर भोले भाले ।
........................................................................................................'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।