ओ मईया तैने का ठानी मन में (O Maiya Tene Ka Thani Man Me)

ओ मईया तैने का ठानी मन में,

राम-सिया भेज दये री बन में,

दीवानी तैने का ठानी मन में,

राम-सिया भेज दये री बन में ॥


जदपि भरत तेरो ही जायो,

तेरी करनी देख लजायो,

अपनों पद तैने आप गँवायो,

भरत की नजरन में,

राम-सिया भेज दये री बन में ॥

हठीली तैने का ठानी मन में,

राम-सिया भेज दये री बन में ॥


मेहल छोड़ वहाँ नहीं रे मड़ैया,

सिया सुकुमारी,संग दोउ भईया,

काहू वृक्ष तर भीजत होंगे,

तीनों मेहन में,

राम-सिया भेज दये री बन में ॥

हठीली तैने का ठानी मन में,

राम-सिया भेज दये री बन में ॥


कौशल्या की छिन गयी बानी,

रोय ना सकी उर्मिल दीवानी,

कैकेयी तू बस एक ही रानी,

रह गयी महलन में,

राम-सिया भेज दये री बन में ॥

हठीली तैने का ठानी मन में,

राम-सिया भेज दये री बन में ॥


ओ मईया तैने का ठानी मन में,

राम-सिया भेज दये री बन में,

दीवानी तैने का ठानी मन में,

राम-सिया भेज दये री बन में ॥

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आखिर यमुना में ही क्यों छुपा था कालिया नाग

भक्त वत्सल की जन्माष्टमी स्पेशल सीरीज के एक लेख में हमने आपको बताया था कि कैसे भगवान श्रीकृष्ण ने यमुना में कूदकर कालिया नाग से युद्ध किया था। क्योंकि उसके विष से यमुना जहरीली हो रही थी।

मन मोहन मूरत तेरी प्रभु(Mann Mohan Murat Teri Prabhu)

मन मोहन मूरत तेरी प्रभु,
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श्री लड्डू गोपाल चालीसा (Shri Laddu Gopal Chalisa)

श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल |
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आषाढ़ कृष्ण पक्ष की योगिनी एकादशी (aashaadh krishn paksh ki yogini ekaadashi)

युधिष्ठिर ने कहा कि हे श्री मधुसूदन जी ! ज्येष्ठ शुक्ल की निर्जला एकादशी का माहात्म्य तो मैं सुन चुका अब आगे आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का क्या नाम है और क्या माहात्म्य है कृपाकर उसको कहने की दया करिये।

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