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ओ मईया तैने का ठानी मन में (O Maiya Tene Ka Thani Man Me)

ओ मईया तैने का ठानी मन में (O Maiya Tene Ka Thani Man Me)

ओ मईया तैने का ठानी मन में,

राम-सिया भेज दये री बन में,

दीवानी तैने का ठानी मन में,

राम-सिया भेज दये री बन में ॥


जदपि भरत तेरो ही जायो,

तेरी करनी देख लजायो,

अपनों पद तैने आप गँवायो,

भरत की नजरन में,

राम-सिया भेज दये री बन में ॥

हठीली तैने का ठानी मन में,

राम-सिया भेज दये री बन में ॥


मेहल छोड़ वहाँ नहीं रे मड़ैया,

सिया सुकुमारी,संग दोउ भईया,

काहू वृक्ष तर भीजत होंगे,

तीनों मेहन में,

राम-सिया भेज दये री बन में ॥

हठीली तैने का ठानी मन में,

राम-सिया भेज दये री बन में ॥


कौशल्या की छिन गयी बानी,

रोय ना सकी उर्मिल दीवानी,

कैकेयी तू बस एक ही रानी,

रह गयी महलन में,

राम-सिया भेज दये री बन में ॥

हठीली तैने का ठानी मन में,

राम-सिया भेज दये री बन में ॥


ओ मईया तैने का ठानी मन में,

राम-सिया भेज दये री बन में,

दीवानी तैने का ठानी मन में,

राम-सिया भेज दये री बन में ॥

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चैत्र नवरात्रि दूसरे दिन की पूजा विधि

चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है जो मां दुर्गा का स्वरूप हैं। मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए कठिन तपस्या की थी। इसलिए उन्हें तपस्या की देवी माना जाता है।

चैत्र नवरात्रि: मां ब्रह्मचारिणी की कथा

चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। मां दुर्गा के दूसरे रूप की पूजा करने से भक्तों को धैर्य, शांति और समृद्धि मिलती है।

5 April 2025 Panchang (5 अप्रैल 2025 का पंचांग)

आज 05 अप्रैल 2025 चैत्र माह का बीसवां दिन है और आज इस पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष तिथि अष्टमी है। इसे दुर्गाष्टमी कहा जाता है, इस दिन मां दुर्गा की विधि विधान से पूजा की जाती है।

चैत्र नवरात्रि तीसरे दिन की पूजा विधि

चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। मां चंद्रघंटा देवी दुर्गा का तीसरा स्वरूप हैं, जिनके मस्तक पर अर्धचंद्र की संरचना बनी है इसीलिए उन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। देवी दुर्गा का यह स्वरूप शौर्य और सौम्यता का प्रतीक है।

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