शिव भोला भंडारी,
सुख का त्योहार,
मिले डमरू के ताल,
सुख का त्योहार,
मिले डमरूके ताल,
करे दुख पिडा पार जटाधारी,
शिव भोला भंडारी,
शिव भोला भंडारी ॥
ॐकारेश्वर… बम बम भोले,
निलकंठेश्वर… बम बम भोले,
केदारेश्वर… बम बम भोले,
जय शिवशंकर… बम बम भोले,
जय शिव शंभो… बम बम भोले,
जय त्रिपुरारी… बम बम भोले,
शंखनाद त्रिनिनाद बाजे,
भस्मलेप शृंगार भी साजे,
जटा मुकुट पर गंगा विराजे,
बबम बम बबम भोले,
क्रोध कोप सूरहि भयभीत,
व्याघ्रवस्त्र रुद्राक्ष सहित,
दान तेरा वरदान निहीत,
बबम बम बबम भोले,
शिव भोला भण्डारी,
शिव भोला भंडारी ॥
कण कण में है तेरा बसेरा,
नैन न जिसको तू उजीयारा,
सुख कि आहट आस भी तू है,
बुझने न पाये वो प्यास भी तू है,
तुहि मेरा राम भोले तुहि घनश्याम,
तुहि मेरा राम भोले तुहि घनश्याम,
दिन रात जाप में मैने है गुजारी,
शिव भोला भण्डारी,
शिव भोला भंडारी ॥
सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। इसे पितरों और देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त करने का उत्तम समय माना जाता है। विशेष रूप से सोमवती अमावस्या, जो इस बार 30 दिसंबर 2024 को पड़ रही है।
केतु को आध्यात्मिक विकास, मोक्ष और वैराग्य का कारक माना जाता है। केतु ग्रह व्यक्ति के पिछले जन्मों के कर्मों का फल देते हैं। यह व्यक्ति के जीवन में अचानक बदलाव ला सकता हैं, चाहे वह अच्छे हों या बुरे।
राहु ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण ग्रह है जिसे छाया ग्रह भी कहा जाता है। यह ग्रह सूर्य और चंद्र ग्रहण के समय बनने वाली छाया से उत्पन्न माना जाता है।
अमावस्या की तिथि पितरों के तर्पण और उनकी पूजा-अर्चना के लिए शुभ मानी जाती है। जब अमावस्या किसी सोमवार को पड़ती है, तो इसे 'सोमवती अमावस्या' कहते हैं। सनातन धर्म में इस दिन का महत्व बहुत अधिक है।