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सोना चांदी हिरे मोती - भजन (Sona Chandi Heera Moti)

सोना चांदी हिरे मोती - भजन (Sona Chandi Heera Moti)

सोना चांदी हिरे मोती,

रंगले बंगले महल चौबारे ॥


दोहा – क्यों मैं हाथ जोड़ूँ,

इनसां के सामने,

माँगा है मांगता हूँ,

मांगूगा माँ के सामने ॥


सोना चांदी हिरे मोती,

रंगले बंगले महल चौबारे,

ये तो चाहे माँ हर कोई,

मेरे नहीं काम के सारे,

बैठे धुनि रमाए हम जोगी दर पे,

ओ मैया हाथ दया का,

धर दे मेरे सर पे,

ओ दाती हाथ दया का,

धर दे मेरे सर पे ॥


छोड़ के सब दुनिया के झंझट,

दर पे अलख जगाई तेरे,

तू दाता तू भाग्य विधाता,

आस तुम्ही पे लगाई,

मांगे किसलिए जाके हर दर दर पे,

ओ मैया हाथ दया का,

धर दे मेरे सर पे,

ओ दाती हाथ दया का,

धर दे मेरे सर पे ॥


दोहा – होंठों पे जिसके कभी,

बददुआ नहीं होती,

बस एक माँ ही है जो,

कभी खफा नहीं होती ॥


नाम तेरे की बैठ नाव में,

पापी पार उतर गए,

सर तेरी चौखट पे रखा,

बिगड़े भाग्य संवर गए,

डाली दृष्टि दया की माता तूने हर पे,

ओ मैया हाथ दया का,

धर दे मेरे सर पे,

ओ दाती हाथ दया का,

धर दे मेरे सर पे ॥


थक गए दुःख सहते सहते,

दुःख आते नहीं थकते,

तकलीफों की घडी के कांटे,

आगे नहीं सरकते,

मैया देख मेरा हाल आके मेरे घर में,

ओ मैया हाथ दया का,

धर दे मेरे सर पे,

ओ दाती हाथ दया का,

धर दे मेरे सर पे ॥


‘लख्खा’ की झोली में भी माँ,

सुख के दो पल डालो,

है तक़दीर का मारा कवळा,

‘सरल’ इसे अपना लो,

सुन भावना माँ जाना नहीं लयस्वर पे,

ओ मैया हाथ दया का,

धर दे मेरे सर पे,

ओ दाती हाथ दया का,

धर दे मेरे सर पे ॥


सोना चांदी हिरे मोती,

रंगले बंगले महल चौबारे,

ये तो चाहे माँ हर कोई,

मेरे नहीं काम के सारे,

बैठे धुनि रमाए हम जोगी दर पे,

ओ मैया हाथ दया का,

धर दे मेरे सर पे,

ओ दाती हाथ दया का,

धर दे मेरे सर पे ॥

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सांवरा जब मेरे साथ है(Sanwara Jab Mere Sath Hai)

सांवरा जब मेरे साथ है,
हमको डरने की क्या बात है ।

सांवरे को दिल में बसा के तो देखो(Sanware Ko Dil Me Basa Kar To Dekho)

कर्ता करे ना कर सके,
पर गुरु किए सब होये ।

साँवरे सा कौन(Sanware Sa Kaun)

साँवरे सा कौन,
सांवरे सा कौन,

सवारिये ने भूलूं न एक घडी(Sanwariye Ne Bhule Naa Ek Ghadi)

पूरन ब्रह्म पूरन ज्ञान
है घाट माई, सो आयो रहा आनन्द

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