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शिवानी माता मंदिर- कांकेर, छत्तीसगढ़ ( Shivani Mata Temple- Kanker, Chhattisgarh)

शिवानी माता मंदिर- कांकेर, छत्तीसगढ़ ( Shivani Mata Temple- Kanker, Chhattisgarh)

शिवानी मंदिर, कांकेर शिवानी मां मंदिर के रुप में भी जाना जाता है। देनी की मूर्ति उत्तम है। एक मिथक के अनुसार, यह देवी काली मां और दुर्गा मां का मेल है। देवी काली का लंबवत आधा भाग और शेष भाग देवी दुर्गा का है। पूरे विश्व में इस प्रकार की प्रतिमा की संख्या मात्र दो है। एक कोलकाता में है और दूसरा कांकेर में। इस मंदिर में नवरात्रि पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। कांकेर जिले में एक नगर पालिका है। कांकेर छत्तीसगढ़ के दक्षिणी क्षेत्र में स्थित है। जिले से होकर बहने वाली पांच नदियों में हटकुल नदी, महानदी नदी, तुरु नदी, सिंदूर नदी और दूध नदी शामिल हैं।


शिवानी माता मंदिर का इतिहास


शिवानी माता मंदिर छत्तीसगढ़ राज्य में सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। यह मंदिर दुनिया भर में एक लंबे समय के बाद पर्यटकों को आकर्षित किया है। मंदिर की संरचना मंदिरों के निर्माण की प्राचीन शैली दर्शाती है।


मंदिर का विवरण


शिवानी माता मंदिर में देवी काकर दो देवीयों से मिलकर बनती है। दोनों देवी हैं काली मां और दुर्गा मां। देवी का आधा दुर्गा मां और आधा काली मां है। संसार में इस मूर्ति के केवल दो उदाहरण हैं। एक कानकर में और दूसरा कोलकाता में है। भारत के कंकर में शिवनी मंदिर नवरथरी उत्सव आयोजित करने के लिए प्रसिद्ध है। इस उत्सव के दौरान दुनिया भर से और पूरे भारत से हजारों पर्यटक कानकर जाते हैं। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में शिवानी मंदिर में नवरात्रि त्योहार के आयोजन के लिए प्रसिद्ध है और बहोत सुंदर है। 


मंदिर का समय


शिवानी माता मंदिर सुबह 6 बजे से 12 बजे तक फिर दोपहर 4 बजे से 8 बजे तक खुला रहता है। विशेष त्योहारों पर पूजा के दौरान मंदिर का समय थोड़ा बदल सकता हैं।


मंदिर कैसे पहुंचे


हवाई मार्ग - शिवानी माता मंदिर का निकटतम हवाई अड्डा रायपुर का स्वामी विवेकानंद है। यहां से आप टैक्सी लेकर शिवानी माता मंदिर जा सकते हैं।


रेल मार्ग - अगर आप ट्रेन से यात्रा कर रहे हैं तो आप नजदीकी रेलवे स्टेशन पर उतर सकते हैं। रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग प्रमुख रेलवे स्टेशनों में से हैं। मंदिर के लिए आप यहां से टैक्सी या ऑटो ले सकते हैं।


सड़क मार्ग - छत्तीसगढ़ के प्रमुख शहरों जैसे रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग से नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं। आप स्थानीय बस स्टैंड से शिवानी माता मंदिर के लिए बस सेवा ले सकते हैं।


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मासिक दुर्गाष्टमी पूजा विधि

मासिक दुर्गा अष्टमी का व्रत हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। सनातन धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी का एक विशेष महत्व है, यह दिन मां दुर्गा की पूजा-अर्चना का होता है।

मासिक दुर्गाष्टमी उपाय

मासिक दुर्गा अष्टमी का व्रत हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। सनातन धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी का एक विशेष महत्व है, यह दिन मां दुर्गा की पूजा-अर्चना का होता है।

हरिहर की पूजा कैसे करें?

सनातन धर्म में हरिहर में हरि से आश्य है भगवान विष्णु और हर यानी कि भगवान शिव। दोनों एक दूसरे के आराध्य हैं। इनकी पूजा करने से व्यक्ति का भाग्योदय होता है और जातकों को उत्तम परिणाम मिलते हैं।

वैकुंठ एकादशी पूजा विधि

वैकुंठ एकादशी को सनातन धर्म में बेहद शुभ माना गया है। इसे मुक्कोटी एकादशी, पुत्रदा एकादशी और स्‍वर्ग वथिल एकादशी भी कहते हैं। ऐसी मान्‍यता है कि यह एकादशी व्रत करने से वैकुंठ के द्वार खुलते हैं।

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