व्रत एवं त्यौहार

नारद जयंती की कथा

हिंदू धर्म के महान ऋषि और भगवान विष्णु के परम भक्त, नारद मुनि की जयंती को 'नारद जयंती' के रूप में मनाया जाता है। यह दिन वैषाख मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को पड़ता है, जो इस साल 13 मई को है।

नारद जयंती 2025 तिथि-मुहूर्त

नारद जयंती, देवर्षि नारद के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। इस वर्ष यह पर्व 13 मई, मंगलवार को मनाया जाएगा। यह दिन वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है, जो देवर्षि नारद के जन्म का प्रतीक है।

बुद्ध पूर्णिमा 2025

बुद्ध पूर्णिमा, जिसे बुद्ध जयंती भी कहा जाता है, बौद्ध धर्म का प्रमुख पर्व है। यह दिन भगवान गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण की तिथि के रूप में मनाया जाता है। इस साल बुद्ध पूर्णिमा 12 मई, सोमवार को है।

वैशाख पूर्णिमा व्रत कथा

वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का विशेष धार्मिक महत्व है। इस दिन भगवान श्री विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा से समृद्धि, संतान सुख और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, वैशाख पूर्णिमा का व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है।

कूर्म जयंती की तिथि-मुहूर्त

कूर्म जयंती, भगवान विष्णु के दूसरे अवतार कूर्म ‘कछुए’ के रूप में प्रकट होने की तिथि है। इस साल कूर्म जयंती 12 मई, सोमवार को मनाई जाएगी। यह दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु के भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

छिन्नमस्तिका देवी मंदिर का रहस्य

झारखंड राज्य के रामगढ़ जिले में स्थित रजरप्पा का छिन्नमस्तिका देवी मंदिर एक अद्भुत शक्तिपीठ है, जहां बिना सिर वाली देवी की पूजा की जाती है। यह मंदिर तांत्रिक विद्या के लिए भारत के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह स्थान विशेष और रहस्यमय महत्व रखता है।

माता पार्वती ने छिन्नमस्ता अवतार क्यों लिया था

मां छिन्नमस्ता, जिन्हें तंत्र साहित्य में दस महाविद्याओं में तीसरे स्थान पर रखा गया है, वह मां पार्वती का उग्र रूप मानी जाती हैं। उनकी उत्पत्ति की कथा अत्यंत रहस्यमय है, जो भक्तों को त्याग, बलिदान और आत्मरक्षा की दिशा में प्रेरित करती है।

छिन्नमस्ता जयंती 2025

छिन्नमस्ता जयंती दस महाविद्याओं में से छठी देवी के रूप में प्रतिष्ठित देवी छिन्नमस्ता की जयंती है। इस वर्ष यह रविवार 11 मई को मनाई जाएगी। यह दिन विशेष रूप से तांत्रिक साधकों और शक्ति साधकों के लिए महत्वपूर्ण होता है। आइए जानते हैं इस दिन की पूजा विधि, महत्व और शुभ मुहूर्त के बारे में।

भगवान नरसिंह के 5 प्रसिद्ध मंदिर

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु के उग्र रूप में नरसिंह भगवान की पूजा की जाती है। भारत में कई मंदिर हैं जो उनकी पूजा-अर्चना के लिए प्रसिद्ध हैं। यहां हम पांच प्रमुख नरसिंह मंदिरों की जानकारी देंगे, जो धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

ज्येष्ठ महीने की कथा और महत्व

ज्येष्ठ माह हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल का तीसरा महीना होता है। यह महीना विशेष रूप से धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इसमें कई प्रमुख व्रत, त्योहार और पूजा-अर्चना की जाती है।