Akshaya Tritiya Upay: अक्षय तृतीया पर बन रहे हैं तीन योग, इन उपायों को करने से प्राप्त होगा धन
अक्षय तृतीया को ‘अखा तीज’ भी कहा जाता है, जो वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। यह दिन अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि इस दिन किए गए शुभ कार्यों का फल कभी भी समाप्त नहीं होता है। इस साल अक्षय तृतीया 30 अप्रैल, बुधवार को मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार यह दिन और भी विशेष है, क्योंकि इस दिन तीन शुभ योग बन रहे हैं, जो इसे और अधिक फलदायी बनाते हैं।
सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और शोभन योग का है खास संयोग
इस साल अक्षय तृतीया पर सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और शोभन योग बन रहा है। तो आइए जानते हैं इनका महत्व
- सर्वार्थ सिद्धि योग अत्यंत शुभ होता है। इसलिए इस योग में किए गए सभी कार्य सफल होते हैं।
- सूर्य देव के प्रभाव से रवि योग विशेष रूप से प्रभावशाली होता है, जो कार्यों में सफलता प्रदान करता है।
- शोभन योग सौंदर्य, समृद्धि और शुभता का प्रतीक है, जो इस दिन को और भी विशेष बना रहा है।
अक्षय तृतीया पर धन लाभ के लिए करें ये विशेष उपाय
- अक्षय तृतीया के दिन एक पीली कौड़ी या चांदी का सिक्का लाल कपड़े में लपेटकर चावल के साथ घर की तिजोरी में रखें। ऐसा करने से धन की स्थिरता और वृद्धि होती है।
- घर के पूजा स्थल और तिजोरी पर शुद्ध घी का दीपक जलाएं। दीपक में एक लौंग और एक कपूर भी डाल सकते हैं। इससे लक्ष्मी कृपा बनी रहती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
सुख और शांति के लिए जरूर अपनाएं ये विशेष उपाय
- एक तांबे के लोटे में स्वच्छ जल भरें और उसमें लाल फूल, गुड़, चावल और एक चुटकी हल्दी डालें। फिर पूर्व दिशा की ओर मुख करके उगते सूर्य को अर्घ्य दें। ऐसा करने से रोग-दोष दूर होते हैं, और पारिवारिक सुख की प्राप्ति होती है।
- इस दिन पीपल, तुलसी या आंवला जैसे पवित्र पौधे लगाना शुभ होता है। इससे परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और संतान सुख भी प्राप्त होता है।
सर को झुकालो,
शेरावाली को मानलो,
हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व है। यह पर्व भगवान शिव को समर्पित है और हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। श्रद्धालु इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं।
प्रत्येक माह में पड़ने वाले प्रदोष व्रत अपने विशेष महत्व के लिए ही जाने जाते हैं। पर साल 2024 में पौष माह के प्रदोष व्रत को ख़ास माना जा रहा है।
सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान शिव और शनिदेव के आराधना के लिए समर्पित होता है। शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आने वाले इस व्रत में शिवलिंग की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।