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देवशयनी एकादशी पर बन रहे ये शुभ योग

देवशयनी एकादशी पर बन रहे ये शुभ योग

Devshayani Ekadashi 2025: देवशयनी एकादशी पर रहेंगे कई शुभ योग, इन 4 राशियों को मिलेगा दुर्लभ परिणाम 

2025 में देवशयनी एकादशी 6 जुलाई, रविवार को मनाई जाएगी। यह दिन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टि से भी बेहद फलदायी रहने वाला है। इस वर्ष देवशयनी एकादशी पर चार अत्यंत शुभ योग, त्रिपुष्कर योग, शुभ योग, साध्य योग और रवि योग का संयोग बन रहा है। इन योगों के प्रभाव से कुछ राशियों को विशेष लाभ मिलने की संभावना जताई जा रही है। पंचांग के अनुसार, ये योग जीवन में उन्नति, सुख-समृद्धि और अध्यात्म की ओर बढ़ने के द्वार खोल सकते हैं।

जानिए इन चार योगों का महत्व

  • त्रिपुष्कर योग को तीन गुना फल देने वाला माना गया है। यदि इस योग में कोई कार्य आरंभ किया जाए तो उसका तीन गुना अधिक फल प्राप्त होता है। यह योग कार्यों में स्थायित्व और बहुगुणा सफलता दिलाने वाला होता है।
  • शुभ योग नाम से ही स्पष्ट है, यह योग शुभता, सकारात्मकता और सफलता लाता है। धार्मिक कार्य, निवेश, यात्रा, व्रत या नई शुरुआत के लिए यह योग अत्यंत अनुकूल होता है।
  • साध्य योग को पूर्णता और उपलब्धियों का प्रतीक माना जाता है। इस योग में किए गए कार्यों में सफलता सुनिश्चित मानी जाती है। यह योग इच्छाओं की पूर्ति के लिए उत्तम होता है।
  • रवि योग ग्रहों की शुभ स्थिति को दर्शाता है। यह योग नकारात्मक प्रभावों को दूर करने में सक्षम होता है और शुभ कार्यों के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है।

कन्या राशि (Virgo)

कन्या राशि के जातकों को देवशयनी एकादशी के शुभ योगों का विशेष लाभ मिलेगा। भगवान विष्णु की कृपा से आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। परिवार में सुख-शांति का वातावरण बना रहेगा और भौतिक सुखों में भी वृद्धि देखने को मिलेगी। इस दिन नौकरी या व्यापार में कोई बड़ा निर्णय लाभकारी हो सकता है।

वृषभ राशि (Taurus) 

वृषभ राशि वालों के लिए यह एक शुभ समय रहेगा। करियर में नई जिम्मेदारियां मिल सकती हैं और किसी पुराने अटके काम के पूरा होने की संभावना है। साथ ही, वरिष्ठों से प्रशंसा मिलने के योग बन रहे हैं। इस दिन लिया गया कोई भी कार्य-निर्णय भविष्य में लाभदायक सिद्ध हो सकता है।

कर्क राशि (Cancer)

कर्क राशि के जातकों के लिए देवशयनी एकादशी शुभ संकेत लेकर आ रही है। धार्मिक कार्यों में मन लगेगा और किसी शुभ कार्य की शुरुआत हो सकती है। मनचाहा परिणाम मिलने की संभावना है। छात्रों और प्रतियोगिता की तैयारी कर रहे युवाओं को विशेष सफलता मिल सकती है।

मीन राशि (Pisces)

मीन राशि के लिए यह दिन शिक्षा, अध्यात्म और मानसिक संतुलन के क्षेत्र में लाभ देने वाला रहेगा। अध्ययन में रुचि बढ़ेगी और गुरुजनों का आशीर्वाद प्राप्त होगा। जो लोग आध्यात्मिक मार्ग पर हैं, उन्हें साधना में सिद्धि और आंतरिक शांति की अनुभूति हो सकती है।

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गुरुवायुर एकादशी मंदिर की पौराणिक कथा

"दक्षिण का स्वर्ग" कहे जाने वाले अतिसुन्दर राज्य केरल में गुरुवायुर एकादशी का पर्व पूरी आस्था के साथ मनाया जाता है। यह पर्व गुरुवायुर कृष्ण मंदिर में विशेष रूप से मनाया जाता है, जो भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है।

मत्स्य द्वादशी पर कैसे करें विष्णु पूजा

त्स्य द्वादशी पर सही तरीके से पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और वे प्रसन्न होते हैं। इससे जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति होती है।

क्यों मनाई जाती है मत्स्य द्वादशी?

मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाई जाने वाली मत्स्य द्वादशी भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार की जयंती के रूप में मनाई जाती है।

मत्स्य द्वादशी कब है

भगवान विष्णु के 24 अवतारों में से एक मत्स्य अवतार की जयंती के रूप में मनाया जाने वाला मत्स्य द्वादशी पर्व इस साल दिसंबर में मनाया जाएगा। यह पर्व मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है ।

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