Aaj Ka Panchang: आज 8 अक्टूबर 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह
Aaj Ka Panchang 8 October 2025: आज 8 अक्टूबर 2025 से कार्तिक मास की शुरूआत हो रही है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है, जो कि 02:22 ए एम, अक्टूबर 09 तक जारी रहेगी। इसके बाद कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि लग जाएगी। बता दें कि आज बुधवार का दिन है। इस दिन सूर्य देव कन्या राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा मेष राशि में रहेंगे। आपको बता दें, आज बुधवार के दिन अभिजीत मुहूर्त नहीं है। इस दिन राहुकाल 12:08 पी एम से 01:36 पी एम तक रहेगा। आज कोई विशेष त्योहार नहीं है, लेकिन वार के हिसाब से आप बुधवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान गणेश को समर्पित होता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है।
आज का पंचांग 8 अक्टूबर 2025 (Aaj Ka Panchang 8 October 2025)
- तिथि - 02:22 ए एम, अक्टूबर 09 तक कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि। इसके बाद कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि लग जाएगी।
- नक्षत्र - अश्विनी (10:44 पी एम तक) भरणी
- दिन/वार - बुधवार
- योग - हर्षण (01:33 ए एम, अक्टूबर 09 तक) वज्र
- करण - तैतिल (04:08 पी एम तक) गर (02:22 ए एम, अक्टूबर 09 तक) वणिज
कार्तिक कृष्ण पक्ष द्वितीया तिथि प्रारंभ - 05:53 ए एम, अक्टूबर 08
कार्तिक कृष्ण पक्ष द्वितीया तिथि समाप्त - 02:22 ए एम, अक्टूबर 09
सूर्य-चंद्र गोचर (Surya-Chandra Gochar)
- सूर्य - सूर्य देव कन्या राशि में रहेंगे।
- चंद्र - चंद्रमा मेष राशि में रहेंगे।
सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त (Surya aur Chandrama ka Muhurat)
- सूर्योदय - 06:18 ए एम
- सूर्यास्त - 05:59 पी एम
- चन्द्रोदय - 06:39 पी एम
- चन्द्रास्त - 07:23 ए एम
आज का शुभ मुहूर्त और योग 8 अक्टूबर 2025 (Aaj ka Shubh Muhurat aur Yog 8 October 2025)
- ब्रह्म मुहूर्त - 04:39 ए एम से 05:29 ए एम
- अभिजीत मुहूर्त - कोई नहीं
- विजय मुहूर्त - 02:05 पी एम से 02:52 पी एम
- गोधूलि मुहूर्त - 05:59 पी एम से 06:24 पी एम
- संध्या मुहूर्त - 05:59 पी एम से 07:13 पी एम8
- अमृत काल - 04:21 पी एम से 05:47 पी एम
आज का अशुभ मुहूर्त 8 अक्टूबर 2025 (Aaj ka Ashubh Muhurat 8 October 2025)
- राहु काल - 12:08 पी एम से 01:36 पी एम
- गुलिक काल - 10:41 ए एम से 12:08 पी एम
- यमगंड - 07:45 ए एम से 09:13 ए एम
- वर्ज्य - 07:12 पी एम से 08:37 पी एम
- गण्ड मूल - 06:18 ए एम से 10:44 पी एम
- विडाल योग - 06:18 ए एम से 10:44 पी एम
- दिशाशूल - उत्तर, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
8 अक्टूबर 2025 पर्व/त्योहार/व्रत (8 October 2025 ke Parv / Tyohar / Vrat)
- बुधवार का व्रत - आज आप बुधवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान गणेश को समर्पित है।
- कार्तिक मास प्रारंभ - हिंदू कैलेंडर के अनुसार, कार्तिक मास धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इस महीने में भगवान विष्णु अपने लंबे विश्राम के बाद जागते हैं। इस मास में भगवान विष्णु और भगवान श्रीकृष्ण की उपासना करने से सभी तरह के संकटों से छुटकारा मिलता है और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। कार्तिक मास में सूर्योदय से पहले पवित्र नदी में स्नान करना या घर में गंगाजल मिलाकर स्नान करना पुण्यदायी माना जाता है, जिसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है। इसके अलावा, इस मास में भजन-कीर्तन, दीपदान और तुलसी की पूजा-अर्चना करना भी शुभ माना जाता है। कार्तिक मास में करवा चौथ, दिवाली और भाई दूज जैसे प्रमुख पर्व भी मनाए जाते हैं।
8 अक्टूबर 2025 आज के उपाय (8 October 2025 Aaj ke Upay)
- बुधवार के उपाय - बुधवार के दिन गणेश मंदिर जाकर गणेशजी को गुड़ का भोग लगाने और 21 दूर्वा चढ़ाने से भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है, जिससे घर में धन और अन्न की कमी नहीं होती। इस दिन गाय को हरी घास खिलाने से आर्थिक उन्नति और समस्याओं से मुक्ति मिलती है। बुध दोष से मुक्ति के लिए 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे' मंत्र का 108 बार जाप और श्री गणेश को सिंदूर अर्पित करना भी लाभकारी है। इसके अलावा, पन्ना धारण करना, 'ॐ गं गणपतये नम:' या 'श्री गणेशाय नम:' मंत्र का जाप करना और जरूरतमंद को हरी मूंग या हरा कपड़ा दान करना भी बुध ग्रह की कमजोरी को दूर करने में मदद करता है।
- कार्तिक मास के नियम - कार्तिक मास में श्रीहरि जल में वास करते हैं और इस महीने को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए शुभ माना जाता है। इस माह में रोजाना श्रीहरि और माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना, तुलसी के पौधे की उपासना और सुबह-शाम देसी घी का दीपक जलाना चाहिए। गरीब लोगों में गर्म कपड़े, अन्न और धन का दान करना फलदायी होता है। प्रतिदिन गीता का पाठ और मंदिर, नदी, तीर्थ स्थान में दीपक जलाना भी पुण्यदायी है। इस महीने में तामसिक चीजों के सेवन से बचना चाहिए। गलत शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए और तन-मन की स्वच्छता बनाए रखनी चाहिए। साथ ही, पशु-पक्षी को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए।
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