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छठ पर्व में जरूर करें ये उपाय

छठ पर्व में जरूर करें ये उपाय

Chhath Puja Upay: छठी मईया होंगी प्रसन्न, जरूर करें ये उपाय


छठ पूजा का पर्व आस्था, संयम और शुद्धता का प्रतीक है। इसे बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में बड़े उत्साह से मनाया जाता है। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को सूर्य देव और छठी मईया की पूजा की जाती है। इससे सूर्य दोष से मुक्ति और संतान सुख की भी प्राप्ति होती है। मुख्य रूप से यह व्रत संतान की सलामती, सुख-समृद्धि और लंबी उम्र की कामना के लिए किया जाता है। यदि कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो सूर्य देव और छठी मईया की कृपा और भी अधिक प्राप्त की जा सकती है।


छठ पूजा के दौरान करें ये उपाय


  1. सूर्य देव की पूजा: छठ पूजा के पहले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। भगवान सूर्य की पूजा के लिए एक सफेद कपड़ा बिछाएं और पूर्व दिशा की ओर मुख करके उस पर सूर्य देव की मूर्ति या तस्वीर रखें। इसके बाद गंगा जल से सूर्य देव की मूर्ति को स्नान कराएं और उन्हें वस्त्र अर्पित करें। इसके साथ ही चावल, धूप, दीप और विशेष रूप से लाल फूल अर्पित करें। सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए गुड़ का भोग अर्पित करें। इस विधि से पूजा करने पर सूर्य देव अत्यधिक प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद मिलता है।
  2. गुड़ और चावल से उपाय: छठ पर्व के दिन सुबह स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें। इसके साथ बहते हुए जल में कच्चे चावल और गुड़ को प्रवाहित कर दें। धार्मिक मान्यता है कि इससे सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और भक्त के मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं। इसी दिन गुड़ और दूध में पका हुआ चावल खाने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है और परिवार में सुख-समृद्धि आती है।
  3. रुद्राक्ष की माला से जप: छठ पूजा के दिन सुबह अर्घ्य देने के बाद सूर्य देव का स्मरण करते हुए पूर्व दिशा की ओर मुख करके रुद्राक्ष की माला से उनका मंत्र जपें। ऐसा करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। रुद्राक्ष की माला से मंत्र जाप करने पर सूर्य देव की विशेष कृपा होती है। जो जीवन में हर तरह की समस्याओं को दूर करने में सहायक सिद्ध होती है।
  4. दान और जल के उपाय: पौराणिक मान्यता के अनुसार किसी भी व्रत का सर्वोत्तम फल दान करने से ही प्राप्त होता है। छठ के दिन लाल कपड़े में गेहूं और गुड़ बांधकर दान करें। ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। इसके अलावा तांबे का सिक्का या तांबे का चौकोर टुकड़ा बहते पानी में प्रवाहित करने से सूर्य दोष भी कम होता है। बता दें कि छठ महापर्व कठिन तप और आस्था का पर्व है। सही नियमों के साथ व्रत करने और इन उपायों का पालन करने से सूर्य देव और छठी मैया की कृपा प्राप्त जरूर होती है। 
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क्यों झूठे मुंह मंदिर नहीं जाना चाहिए?

हमारे देश में एक पुरानी कहावत है, "झूठे मुंह मंदिर नहीं जाना चाहिए।" इसका मतलब है कि झूठन मूंह वाले को भगवान के मंदिर में नहीं जाना चाहिए। ये बात हमारी धर्म और संस्कृति से जुड़ी हुई है। जब हम मंदिर जाते हैं तो भगवान से मिलने जाते हैं।

कुंभ के प्रयागराज पहुंचने की पूरी गाइड

महाकुंभ 2025 का इंतजार खत्म होने को है। 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा से इस भव्य आयोजन की शुरुआत होगी, जो 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के पावन स्नान के साथ संपन्न होगा। संगम में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए करोड़ों श्रद्धालु उमड़ेंगे। इस ऐतिहासिक आयोजन को सुगम बनाने के लिए सरकार ने रेल, बस और हवाई सेवाओं को और सशक्त किया है।

महाकुंभ रूकने की व्यवस्था क्या है?

साल 2025 आ चुका है और इंतजार की घड़ियां अब खत्म होने वाली हैं, क्योंकि महाकुंभ मेला 2025 का आयोजन कुछ ही दिनों में शुरू होने वाला है। यह धार्मिक उत्सव 12 साल बाद एक बार फिर प्रयागराज में होगा, जहां देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचने की उम्मीद है।

कुंभ मेले के आस-पास घूमने की जगहें

जनवरी से कुंभ स्नान और मेला शुरू होने जा रहा है, खास बात यह है कि यह 'महाकुंभ' है, जिसका मुहूर्त 144 साल बाद आ रहा है। अनुमान है कि इस विशाल आयोजन में करीब 40 करोड़ श्रद्धालु शामिल होंगे।

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