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नवरात्रि मां दुर्गा के नौ रूपों की उपासना का प्रमुख त्योहार है जो पूरे भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान प्रत्येक दिन माता के एक अलग स्वरूप की पूजा की जाती है और उनके पसंदीदा रंगों के अनुसार वस्त्र धारण करने की परंपरा भी है। नौ दिनों में हर दिन का विशेष महत्व और पूजा विधि होती है। मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए श्रद्धालु दिन के हिसाब से विभिन्न रंगों का चुनाव करते हैं, जो शक्ति, शांति और समृद्धि के प्रतीक होते हैं।
1.पहले दिन शैलपुत्री की पूजा: नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना के साथ मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि पर्वत राज हिमालय की पुत्री होने की वजह से उनका वर्ण सफेद है और उनको नारंगी और श्वेत रंग सबसे प्रिय है। इसलिए नवरात्रि के पहले दिन आपको सफेद रंग के वस्त्र पहनकर मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए।
2.नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा: नवरात्रि के दूसरे दिन का भी विशेष महत्व होता है। ब्रह्मचर्य का पालन करने वाली ब्रह्मचारिणी देवी के प्रतीक स्वरूप सफेद रंग को इस दिन पहनने के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इसलिए इस दिन सफेद वस्त्र धारण कर माता की पूजा अर्चना की जाती है। सफेद रंग ना केवल शुद्धता और शांति का प्रतीक है। बल्कि इसे धारण करने से मानसिक शांति भी प्राप्त होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
3.नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघण्टा की पूजा: नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघण्टा की पूजा की जाती है और इस दिन लाल रंग को शुभ माना जाता है। देवी दुर्गा अक्सर लाल वस्त्रों में ही अपने भक्तों को दर्शन देती हैं। लाल रंग को उन्नति और समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है। इस दिन लाल वस्त्र पहनकर पूजा करने से घर में समृद्धि और खुशहाली आती है। साथ ही, यह रंग शक्ति और प्रेम का प्रतीक भी है, जो लोगों के जीवन में ऊर्जा का संचार भी करता है।
4.चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा: मां कुष्मांडा को हरा, नारंगी, और पीला रंग बहुत पसंद है। इसलिए नवरात्रि के चौथे दिन हरे रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है. मां कूष्मांडा को नारंगी रंग भी पसंद है, इसलिए इस दिन नारंगी रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है. मां कूष्मांडा को पीला रंग भी बहुत पसंद है, इसलिए पूजा के दौरान इन्हीं रंगों के के वस्त्र धारण करने चाहिए.
5.नवरात्रि पंचमी में स्कंदमाता की पूजा: वहीं, नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। गोद में स्कन्द यानी कार्तिकेय स्वामी को लेकर विराजित माता का यह स्वरुप प्रेम, स्नेह, संवेदना को बनाए रखने की प्रेरणा देता है। इस दिन मां को नीले रंग का वस्त्र पहनाया जाता है। हालांकि, ज्योतिषाचार्यों की माने तो इस दिन पूजा के दौरान भक्तों को सफेद रंग के वस्त्र पहनने चाहिए।
6.नवरात्रि षष्ठी कात्यायनी की पूजा: नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। कात्यायन ऋषि के यहां जन्म लेने के कारण माता के इस स्वरुप का नाम कात्यायनी पड़ा। भक्तों द्वारा इस दिन मां को पीले रंग का वस्त्र समर्पित किया जाता है। कात्यायनी माता को पीला रंग बेहद पसंद है. इसलिए, नवरात्रि के छठे दिन पीले रंग के कपड़े पहनकर और पीले रंग का फूल-सजावट करके मां कात्यायनी की पूजा की जाती है.
7.नवरात्रि सप्तमी कालरात्रि की पूजा: मां दुर्गा की सातवीं शक्ति को कालरात्रि के नाम से जाना जाता हैं। दुर्गापूजा के सातवें दिन मां कालरात्रि की उपासना की जाती है। इनका रूप काफी विकराल होता है और इनसे दैत्य और राक्षस भी थर- थर कांपते हैं। तंत्र साधक के लिए भी ये दिन काफी महत्त्वपूर्ण माना गया है। इस दिन नीले, सलेटी या भूरे रंग के कपड़े पहनने चाहिए।
8.नवरात्रि अष्टमी महागौरी की पूजा: मां दुर्गा की आठवीं शक्ति का नाम महागौरी है। महागौरी ने देवी पार्वती के रूप में भगवान शिव को पति-रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तप किया था। इस तपस्या के कारण इनका शरीर काला पड़ गया। तब इनकी तपस्या से भगवान शिव ने प्रसन्न होकर स्वयं इनके शरीर को गंगाजी के पवित्र जल से धोया इसके बार माया के रंग अत्यंत कांतिमान और गौर हो उठा। तभी से इनका नाम महागौरी पड़ा। इस दिन गुलाबी या सफेद रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है। बता दें कि कुंवारी कन्याओं को इस दिन पूजा और व्रत करने से मनवांछित वर मिलता है।
9.नवरात्रि की नवमी तिथि सिद्धिदात्री की पूजा: वहीं, नवरात्रि के आखिरी दिन यानी नवमी तिथि को मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है। मां सिद्धिदात्री ज्ञान की देवी मानी जाती हैं। ये सारे कामों पर विजय प्रदान करने वाली देवी है। इसलिए नवमी पर लाल या पीला रंग का प्रयोग कर सकते हैं। दोनों ही रंग शुभ और माता सिद्धिदात्री के सबसे प्रिय माने जाते हैं।
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