काल भैरव जयंती पर जलेबी के भोग से होगा आर्थिक लाभ, इन चीजों के दान का विशेष महत्व
मार्गशीर्ष महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मनाई जाने वाली काल भैरव जयंती भगवान शिव के पांचवें रूद्र अवतार काल भैरव की उपासना का दिन है। इस वर्ष काल भैरव जयंती 22 नवंबर 2024 को मनाई जा रही है। इस दिन विधि-विधान से काल भैरव जी की पूजा की जाती है, जिससे भय, रोग, दोष और संकट से छुटकारा मिलता है। काल भैरव जयंती को कालाष्टमी भी कहा जाता है, और इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से नेगेटिविटी दूर होती है और बुरी शक्तियों से मुक्ति मिलती है। भगवान काल भैरव को भय का हरण करने वाला माना जाता है। इसलिए भैरव जयंती पर उनकी पूजा-अर्चना से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है, साथ ही इस दिन दान पुण्य करने का भी विशेष महत्व होता है। आईये जानते हैं काल भैरव जयंती पर किन चीजों का दान करना शुभ माना जाता है।
काल भैरव जयंती पर करें इन चीजों का दान करें
- काला तिल दान: पापों की निवृत्ति और मोक्ष प्राप्ति होती है।
- फल दान: आरोग्य लाभ और बीमारियों से मुक्ति मिलती है।
- लोहे की वस्तुएं दान: शत्रु बाधा से मुक्ति और सुरक्षा प्राप्त होती है।
- काले चने दान: धन लाभ और सफलता प्राप्त होती है।
- नमक दान: धन की कमी दूर होती है और समृद्धि आती है।
- तेल दान: जीवन के कष्ट और परेशानियां दूर होती हैं।
इसके अलावा आप काल भैरव जयंती पर समस्याओं से मुक्ति के लिए कुछ विशेष उपाय भी कर सकते हैं, जैसे:
कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए
- नींबू की माला बनाकर काल भैरव भगवान को अर्पित करें।
- इस दिन विशेष पूजा और अनुष्ठान करें।
भूत-प्रेत मुक्ति के लिए
- काल भैरव अष्टक का पाठ करें।
- कुत्तों को भोजन करवाएं।
धन की समस्या से मुक्ति के लिए
- रात 12 बजे ॐ श्री बम् बटुक भैरवाय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें।
- धन प्राप्ति के लिए विशेष पूजा करें।
संतान की तरक्की के लिए
- उड़द को भैरव बाबा के ध्यान के साथ बच्चे के सिर पर वार करके बहते पानी में प्रवाहित करें।
- संतान की तरक्की के लिए विशेष पूजा करें।
आर्थिक लाभ के लिए
- काल भैरव जी की पूजा करें।
- जलेबी का भोग लगाएं।
दान करते समय इन बातों का रखें ध्यान
- दान करने की सच्ची भावना केवल तब ही पूरी होती है जब हम शुद्ध मन से दान करते हैं। दान करते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आवश्यक है:
- दान करते समय किसी प्रकार की अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए, क्योंकि दान की सच्ची भावना निस्वार्थ होनी चाहिए।
- दान करते समय मुस्कुराते हुए दान करने से दान लेने वाले को भी खुशी मिलती है और दान देने वाले को भी संतुष्टि मिलती है।
- दान गरीब और जरूरतमंद लोगों को ही देना चाहिए, जिससे वे अपनी जरूरतों को पूरा कर सकें।
- इसके अलावा, दान करते समय अपने कर्तव्य को समझना और दान की सच्ची भावना को समझना भी महत्वपूर्ण है। दान करने से हम न केवल दूसरों की मदद करते हैं, बल्कि अपने आप को भी शांति और संतुष्टि प्रदान करते हैं।
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