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अन्नपूर्णा जयंती के दिन उपाय

अन्नपूर्णा जयंती के दिन उपाय

Annapurna Jayanti Upay: अन्नपूर्णा जयंती के दिन करें ये उपाय, जीवन में कभी नहीं होगी अन्न की कमी!



सनातन धर्म में माता अन्नपूर्णा को अन्न की देवी माना गया है। इसलिए, हर साल मार्गशीर्ष माह में अन्नपूर्णा जयंती मनायी जाती है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन माता पार्वती धरती पर मां अन्नपूर्णा के रूप में अवतरित हुई थीं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन मां अन्नपूर्णा की विशेष पूजा करने से साधक को जीवन की समस्याओं से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा इस दिन किए गए कुछ उपायों से घरों में हमेशा अन्न के भंडार भरे रहते हैं और कभी खाने-पीने की कमी नहीं रहती है। तो आइए इस लेख में इस बारे में विस्तार से जानते हैं। 

कब हैं अन्नपूर्णा जयंती? 


हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 14 दिसंबर को शाम 4 बजकर 58 मिनट पर होगी। वहीं, पूर्णिमा तिथि का समापन 15 दिसंबर को दोपहर 2 बजकर 31 मिनट पर होगा। इस कारण उदया तिथि के अनुसार इस साल अन्नपूर्णा जयंती 15 दिसंबर को मनाई जाएगी। 

अन्नपूर्णा जयंती के दिन किए जाने वाले उपाय


अन्नपूर्ण जयंती के दिन चूल्हे की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन घर के चूल्हे की विधि विधान से पूजा अवश्य करनी चाहिए। इसके पीछे मान्यता है कि ऐसा करने से घर में कभी भी धन-धान्य और अन्न की कमी नहीं होती साथ ही कई शुभ परिणाम भी मिलते हैं। 

अन्नपूर्णा जयंती के दिन चूल्हे की पूजा करने के बाद पहली रोटी बनाकर गौ माता को खिलानी चाहिए। इसके बाद दूसरी रोटी कुत्ते को और तीसरी रोटी कौए को खिलानी चाहिए। इसके पीछे मान्यता है कि ऐसा करने से मां अन्नपूर्णा प्रसन्न होती हैं और हमेशा के लिए उक्त घर में वास करती हैं। इसके अलावा व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण करती हैं। 

वहीं, अगर कोई व्यक्ति शनि दोष से पीड़ित है और उससे छुटकारा पाना चाहता है तो उसे अन्नपूर्णा जयंती के दिन काले तिल के लड्डू बनाकर किसी भी मंदिर में जाकर शनिदेव को अर्पित करना चाहिए। इसके पीछे मान्यता है कि ऐसा करने से उक्त व्यक्ति को शनि दोष से हमेशा के लिए मुक्ति मिल जाती है। 

केसर वाली खीर से प्रसन्न होंगी मां अन्नपूर्णा अन्नपूर्णा जयंती के दिन मां अन्नपूर्णा को केसर वाली खीर का भोग अवश्य लगाना चाहिए। भोग लगाने के बाद पूरे परिवार के साथ उस प्रसाद को ग्रहण कर सकते हैं। ऐसा करने से मां बेहद प्रसन्न होती हैं और आपके घर में कभी भी अन्न की कमी नहीं होने देती हैं।  

इन चीजों का करें दान


अन्नपूर्णा जयंती के दिन जरूरतमंदों को अन्न का दान जरूर करना चाहिए। इस दिन अन्न का दान बेहद शुभ माना जाता है। इसके अलावा इस दिन जरूरतमंदों को वस्त्र का दान भी किया जा सकता है। मान्यता है कि इससे व्यक्ति के जीवन में कभी अन्न और धन की कमी नहीं होती है और उन्हें शुभ परिणाम भी मिलते हैं। 

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खबर मेरी ले लेना, उज्जैन के महाकाल(Khabar Meri Le Lena Ujjain Ke Mahakal)

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कभी-कभी भगवान को भी भक्तो (Kabhi Kabhi Bhagwan Ko Bhi Bhakto Se Kam Pade)

प्रभु केवट की नाव चढ़े
कभी कभी भगवान को भी भक्तो से काम पड़े ।

ब्रह्मानंदम परम सुखदम (Brahamanandam, Paramsukhdam)

ब्रह्मानंदम परम सुखदम,
केवलम् ज्ञानमूर्तीम्,

खाटू का राजा मेहर करो(Khatu Ka Raja Mehar Karo)

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