माता अन्नपूर्णा को हिंदू धर्म में अन्न और धन की देवी के रूप में स्थान प्राप्त है। माना जाता है कि मां अन्नपूर्णा के कृपा से ही पृथ्वी लोक के सभी जीवों को खाने के लिए भोजन या अन्न प्राप्त होता है। इसी कारण अन्न और धन की देवी के रूप में अन्नपूर्णा जयंती के दिन माता अन्नपूर्णा को पूजा जाता है और प्रसन्न किया जाता है। इस दिन लोग पूरे विधि-विधान से मां अन्नपूर्णा की पूजा करते हैं। तो आइए इस लेख में जानते हैं कि इस साल अन्नपूर्णा जयंती कब मनाई जाएगी।
वैदिक पंचांग की मानें तो प्रत्येक साल मार्गशीर्ष माह में पूर्णिमा तिथि के दिन अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाती है। चूंकि, इस साल इस पूर्णिमा तिथि का आरंभ 14 दिसंबर, 2024 को शाम 04:58 बजे होगा और इसका समापन 15 दिसंबर, 2024 को दोपहर 02:31 बजे होगा। इसलिए, उदया तिथि के अनुसार अन्नपूर्णा जयंती 15 दिसंबर, 2024 को मनाई जाएगी और इसी दिन व्रत भी रखा जाएगा।
धार्मिक मान्यताओं की मानें तो मां अन्नपूर्णा की पूजा करने वालों और व्रत रखने वालों को माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। उनके घर में अन्न और धन की कमी नहीं होती। घर-परिवार में भी सुख-शांति बनी रहती है। पारिवारिक क्लेश भी दूर होता है। इस चीज का विशेष ध्यान रखें कि व्रत का पारण करने के बाद जरूरतमंद और गरीब लोगों कि अन्न, वस्त्र या धन की सहायता करें। इससे माता अन्नपूर्णा की कृपा आपके ऊपर बरसेगी।
शैव संप्रदाय के 7 प्रमुख अखाड़े हैं। इनमें से ही एक अखाड़ा है 'आनंद अखाड़ा'। इसका पूरा नाम 'श्री तपोनिधि आनंद अखाड़ा पंचायती’ है।
महाकुंभ की शुरुआत में अब 1 महीने का समय बचा है। लगभग सभी अखाड़े प्रयागराज भी पहुंच चुके हैं। लेकिन इन दिनों शैव संप्रदाय का एक अखाड़ा चर्चा में बना हुआ है।
अपने बचपन से ही हमने देखा है कि हमारे घरों में बड़े-बुजुर्गों को चरण स्पर्श करके प्रणाम करना कितना महत्वपूर्ण माना जाता था। उनके आशीर्वाद पाने के लिए हमेशा तत्पर रहते थे।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने 13 प्रमुख अखाड़ों को मान्यता दे रखी है। इन्हीं में से एक अखाड़ा है नागपंथी गोरखनाथ अखाड़ा। इस अखाड़े से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी जुड़े हुए है।