अवतार ओ भोले,
अपने भक्तो की सुनले,
पुकार ओ भोले,
अपने भक्तो की सुनले,
पुकार ओ भोले ॥
दुनिया बनाने वाले,
कर दुनिया का ख्याल रे,
तेरे संसार का हुआ है,
बुरा हाल रे,
भाई को भाई रहा मार ओ भोले,
भाई को भाई रहा मार ओ भोले,
अपने भक्तो की सुनले,
पुकार ओ भोले,
अपने भक्तो की सुनले,
पुकार ओ भोले ॥
हाल कभी पूछ आके,
भोले तू गरीब का,
लिख्या सब ते न्यारा,
भाग क्या ते बदनसीब का,
रोटी देदे भूखा तो मत मार ओ भोले,
रोटी देदे भूखा तो मत मार ओ भोले,
अपने भक्तो की सुनले,
पुकार ओ भोले,
अपने भक्तो की सुनले,
पुकार ओ भोले ॥
पापियों के पाप धो धो,
गंगा मैली हो गई,
पापों से लड़ेगी कब तक,
ये पहेली हो गई,
तेरे बिना होगा ना उद्धार ओ भोले,
तेरे बिना होगा ना उद्धार ओ भोले,
अपने भक्तो की सुनले,
पुकार ओ भोले,
अपने भक्तो की सुनले,
पुकार ओ भोले ॥
आजा कलयुग में लेके,
अवतार ओ भोले,
अपने भक्तो की सुनले,
पुकार ओ भोले,
अपने भक्तो की सुनले,
पुकार ओ भोले ॥
चैत्र नवरात्रि के समय वातावरण में नई ऊर्जा और भक्ति का संचार होता है। मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के साथ श्रद्धालु कई पारंपरिक रीति-रिवाज भी करते हैं।
चैत्र नवरात्रि 2025 का शुभारंभ 30 मार्च से होगा और 7 अप्रैल को इसका समापन होगा। यह नौ दिनों का पर्व न केवल भक्ति और साधना के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि धन-लाभ और आर्थिक वृद्धि के लिए भी बेहद प्रभावी माना जाता है।
चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना का विशेष महत्व होता है। भक्त पूरे श्रद्धा भाव से पूजा करते हैं और देवी मां को प्रसन्न करने के लिए अनेक उपाय अपनाते हैं।
सनातन धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है। यह पर्व मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना के लिए मनाया जाता है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 30 मार्च 2025 से 6 अप्रैल 2025 तक मनाई जाएगी।