Logo

कुंभ मेले में शाही स्नान का महत्व

कुंभ मेले में शाही स्नान का महत्व

कुंभ मेले में शाही स्नान करने पहुंचते है करोड़ों लोग, जानिए क्या है इसका महत्व


12 जनवरी से प्रयागराज में  कुंभ मेले की शुरुआत हो रही है। यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन है, जिसमें पवित्र नदियों में स्नान करने के लिए करोड़ों श्रद्धालु पहुंचने वाले हैं।पहला शाही स्नान 14 जनवरी को मकर संक्रांति के मौके पर होने वाला है। सबसे पहले नागा साधु शाही स्नान करेंगे। इसके बाद अलग अलग अखाड़ों के साधु- संत भी गंगा में श्रद्धा की डुबकी लगाएंगे। हालांकि सिर्फ साधु संतों के लिए नहीं बल्कि शाही स्नान  हर भक्त के लिए आध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष प्राप्ति का अवसर है। चलिए  कुंभ में शाही स्नान  के महत्व के बारे में आपको और विस्तार से बताते हैं।



शाही स्नान का महत्व 


1. पौराणिक महत्व 

हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान निकले अमृत की कुछ बूंदें चार स्थान नासिक, उज्जैन, प्रयागराज, हरिद्वार में गिरी थी। इस कारण से इन चार स्थानों पर कुंभ होता है। इसी के चलते यहां शाही स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष प्राप्त होता है।


2. आध्यात्मिक महत्व 

कुंभ मेले के दौरान शाही स्नान करने का धार्मिक के साथ आध्यात्मिक महत्व भी है। शाही स्नान से आत्मिक शांति मिलती है और शरीर की शुद्धि होती है। इसे ईश्वर की कृपा पाने का भी मार्ग माना जाता है।

 

3.सांस्कृतिक महत्व 

शाही स्नान करने के लिए करोड़ों हिंदुओं की भीड़ उमड़ती है। इससे धर्म और संस्कृति बढ़ावा मिलता है। लोगों में भाईचारा बढ़ता है। यह इकलौता बड़ा मेला है, जो इतनी बड़ी संख्या में लोगों को एकजुट करता है।


सबसे पहले नागा साधु लगाते है डुबकी 


महाकुंभ में 13 अखाड़ों के साधु संत शाही स्नान के लिए पहुंचने वाले है। 14 जनवरी की सुबह 4 बजे स्नान की शुरुआत होगी। सबसे पहले नागा साधु डुबकी लगाएंगे। सारे अखाड़ों के शाही स्नान करने के क्रम पहले से ही तय होते है। यह परंपरा सालों से चली आ रही है। इसी के बाद आम लोगों को स्नान करने की इजाजत मिलेगी।



इन दिनों पर होगा शाही स्नान 


  • 4 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति के दिन पहला शाही स्नान होगा।
  • 29 जनवरी 2025 को मौनी अमावस्या पर दूसरा शाही स्नान होगा।
  • 3 फरवरी 2025 को वसंत पंचमी पर तीसरा शाही स्नान होगा।
  • 12 फरवरी 2025 को माघी पूर्णिमा पर चौथा शाही स्नान होगा।
  • 26 फरवरी 2025  को शिवरात्रि के दिन आखिरी शाही स्नान होगा।

........................................................................................................
शिवरात्रि का त्यौहार है (Shivratri Ka Tyohar Hai)

शिवरात्रि का त्यौहार है,
शिव शंकर का वार है,

शिवरात्रि की महिमा अपार (Shivratri Ki Mahima Apaar)

शिवरात्रि की महिमा अपार,
पूजा शिव की करो,

श्री डिग्गी वाले बाबा देव निराले, तेरी महिमा अपरम्पार है (Shree Diggi Wale Dev Nirale Teri Mahima Aprampar Hai)

श्री डिग्गी वाले बाबा देव निराले,
तेरी महिमा अपरम्पार है,

श्री गणपति महाराज, मंगल बरसाओ (Shree Ganpati Maharaj Mangal Barsao)

श्री गणपति महाराज,
मंगल बरसाओ,

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang