Logo

गुरुवार की आरती 1

गुरुवार की आरती 1

Guruvar ki aarti: गुरुवार के दिन इस व्रत कथा को पढ़ने से प्रसन्न होते हैं भगवान विष्णु, जीवन की हर बाधा से भी मिलेगी मुक्ति

Guruvar Aarti Lyrics: सनातन धर्म में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु और केले के वृक्ष की पूजा-उपासना की जाती है। इसके साथ ही व्रत रखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि अगर किसी जातक की कुंडली में बृहस्पति कमजोर स्थिति में है तो उसे गुरुवार के दिन व्रत रख विधि-विधान से पूजा करना चाहिए। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन या संतान पक्ष से संबंधित को परेशानी नहीं आती है। इसके साथ ही जातक को शुभ फलों की प्राप्ति होती है। अगर आप भगवान विष्णु की कृपा पाना चाहते हैं तो ऐसे में गुरुवार के दिन उनकी पूजा के दौरान उनकी आरती अवश्य करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से जातकों को सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। आइए यहां पढ़ें बृहस्पतिवार की पूरी आरती...

श्री बृहस्पतिवार की आरती (Brihaspati Dev Ki Aarti Lyrics)

ओम जय बृहस्पति देवा, जय जय बृहस्पति देवा।

छिन-छिन भोग लगाऊं, कदली फल मेवा।।

ओम जय बृहस्पति देवा।। प्रभु जय बृहस्पति देवा।

तुम पूर्ण परमात्मा, तुम अंतर्यामी।

जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी।।

ओम जय बृहस्पति देवा।। प्रभु जय बृहस्पति देवा।

चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता।

सकल मनोरथ दायक, कृपा करो भर्ता।।

ओम जय बृहस्पति देवा।। प्रभु जय बृहस्पति देवा।

तन, मन, धन अर्पण कर, जो जन शरण धरे।

प्रभु प्रकट तब होकर, आकर द्वार खड़े।।

ओम जय बृहस्पति देवा।। प्रभु जय बृहस्पति देवा।

दीनदयाल दयानिधि, भक्तन हितकारी।

पाप दोष सब हर्ता, भव बंधन हारी।।

ओम जय बृहस्पति देवा।। प्रभु जय बृहस्पति देवा।

सकल मनोरथ दायक, सब संशय टारो।

विषय विकार मिटाओ, संतन सुखकारी।।

ओम जय बृहस्पति देवा।। प्रभु जय बृहस्पति देवा।

जो कोई आरती तेरी प्रेम सहित गावे। हे गुरु मन को लगाके गावे।

कष्ट हरो तुम उनके, मन इच्छित फल पावे।

ओम जय बृहस्पति देवा।। प्रभु जय बृहस्पति देवा।

........................................................................................................
वर दे, वीणा वादिनि वर दे: सरस्वती वंदना (Var De Veena Vadini Var De: Saraswati Vandana)

वर दे, वीणावादिनि वर दे ।
प्रिय स्वतंत्र रव, अमृत मंत्र नव

साल 2025 का पहला विनायक चतुर्थी व्रत

सनातन धर्म में विनायक चतुर्थी का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है।

विनायक चतुर्थी चालीसा

विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश और शिव परिवार की पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि गणपति बप्पा की पूजा करने से सभी तरह के विघ्न दूर होते हैं। इसलिए भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है।

1 से 7 जनवरी तक के व्रत और त्योहार

इस बार नए साल के पहले हफ्ते में कई व्रत-त्योहार पड़ने वाले हैं। इस बार नए साल की शुरुआत बुधवार के दिन हो रही है। ऐसे में भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करना अधिक शुभ रहेगा।

यह भी जाने
HomeBook PoojaBook PoojaTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang