Logo

मीन संक्रांति की तिथि और मुहूर्त

मीन संक्रांति की तिथि और मुहूर्त

Meen Sankranti 2025: मार्च माह में कब मनाई जाएगी मीन संक्रांति, जानें इसकी तिथि और  शुभ मुहूर्त


मान्यता के अनुसार मीन संक्रांति तब मनाई जाती है जब भगवान सूर्य मीन राशि में प्रवेश करते हैं, और यह फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होता है। इस समय से खरमास शुरू हो जाता है, और यह तिथि एक महीने तक रहती है, जब तक सूर्य अपनी अगली राशि में प्रवेश नहीं कर जाते। अतः इस वर्ष यह 14 मार्च को मनाई जाएगी।

मीन संक्रांति का अर्थ


मीन संक्रांति शीत ऋतु के अंत का प्रतीक है और वसंत ऋतु की शुरुआत को दर्शाती है। यह समय भगवान सूर्य की पूजा करने तथा अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति के लिए शुभ माना जाता है।

मीन संक्रांति के धार्मिक कार्य


मीन संक्रांति के दिन छोटी होली मनाई जाती है, और उस दिन से एक महीने तक शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं, क्योंकि यह समय किसी भी मांगलिक कार्य के लिए शुभ नहीं माना जाता है। लेकिन इस समय कुछ अनुष्ठान करने से आपके ग्रहों की दशा शांत रहती है। आइए जानते हैं उनके बारे में:

  • सुबह जल्दी उठें और पवित्र नदी में स्नान करें या अपनी बाल्टी में गंगाजल की कुछ बूंदें डालकर स्नान करें।
  • सूर्य देव को जल अर्पित करें। इससे स्वास्थ्य अच्छा रहता है और कोई रोग नहीं होता।
  • यह गरीबों को कपड़े और अनाज दान करने और आशीर्वाद प्राप्त करने का बहुत पवित्र समय माना जाता है। इसलिए इस समय जितना हो सके उतना दान करें।
  • इस समय सूर्य मंत्र का जाप करें क्योंकि इससे समृद्धि और अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त होता है।

इस समय नहीं होता कोई शुभ कार्य


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य को सबसे शक्तिशाली माना जाता है, लेकिन जब वह मीन राशि में प्रवेश करते हैं, तो वह कमजोर हो जाते हैं और मीन राशि को भी कमजोर कर देते हैं। इस समय को खरमास कहा जाता है और इसे मलमास भी कहते हैं। इसीलिए यह समय मांगलिक कार्यों के लिए अशुभ हो जाता है।
इस समय विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, भूमि पूजन इत्यादि करना वर्जित होता है।
इस समय मांसाहारी भोजन और शराब पीने से भी बचें।
इसके अलावा किसी से झगड़ा न करें और न ही अपशब्दों का प्रयोग करें।

........................................................................................................
मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर करें इस स्तोत्र का पाठ

मार्गशीर्ष पूर्णिमा इस वर्ष 15 दिसंबर को मनाई जा रही है। यह पर्व हिन्दू धर्म में लक्ष्मीनारायण की पूजा का एक पवित्र और शुभ अवसर है।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर करें चालीसा पाठ

मार्गशीर्ष पूर्णिमा इस वर्ष 15 दिसंबर को मनाई जा रही है। यह पर्व हिन्दू धर्म में लक्ष्मीनारायण की पूजा का एक पवित्र और शुभ अवसर है।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर कैसे करें तर्पण

मार्गशीर्ष माह भगवान कृष्ण, जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित होता है। ऐसे में इस माह में जो पूर्णिमा तिथि आती है।

इन 4 राशियों के लिए खास मार्गशीर्ष पूर्णिमा

साल 2024 की आखिरी पूर्णिमा मार्गशीर्ष पूर्णिमा है, जो 15 दिसंबर को पड़ रही है। यह पूर्णिमा तिथि लक्ष्मीनारायण की पूजा के लिए विशेष रूप से समर्पित है और इसके शुभ प्रभाव से जीवन में सुख-समृद्धि और धन-वैभव की प्राप्ति होती है।

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang