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बिसर गई सब तात पराई (Bisar Gai Sab Taat Paraai)

बिसर गई सब तात पराई (Bisar Gai Sab Taat Paraai)

बिसर गई सब तात पराई,

जब ते साध संगत मोहे पाई,

ना कोई बैरी नहीं बेगाना,

सगल संग हमको बन आई,

बिसर गई सब तात पराई,

बिसर गयी सब तात पराई ।


जो प्रभु कीन्हो सो भल मान्यो,

एह सुमत साधु ते पाई,

बिसर गई सब तात पराई,

बिसर गयी सब तात पराई ।


सब में रव रहिया प्रभु एको,

पेख पेख नानक बिगसाई,

बिसर गई सब तात पराई,

बिसर गयी सब तात पराई ।

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होलिका दहन पूजा विधि

होली का त्योहार एकता, आनंद और परंपराओं का एक भव्य उत्सव है। इसलिए, इसकी धूम पूरी दुनिया में है। दिवाली के बाद यह दूसरे सबसे महत्वपूर्ण त्योहार के रूप में जाना जाता है।

नवरात्रि सम्पूर्ण पूजन विधि

नवरात्रि माँ दुर्गा के नौ रूपों की आराधना का पावन पर्व है। भारत के विभिन्न क्षेत्रों में इसे बड़े श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाया जाता है। एक वर्ष में चार बार नवरात्र आते हैं—चैत्र, आषाढ़, माघ और शारदीय नवरात्र।

नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट

नवरात्र की नौ दिनों की अवधि में नवदुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा करने के साथ-साथ कलश स्थापना की जाती है।

नवरात्रि में कलश स्थापना कैसे करें

कलश स्थापना को शुभता और मंगल का प्रतीक माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, कलश में जल को ब्रह्मांड की सभी सकारात्मक ऊर्जाओं का स्रोत माना गया है।

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