दादी को नाम अनमोल,
बोलो जय दादी की,
मैया को नाम अनमोल,
बोलो जय दादी की ॥
गंगा भी बोले दादी,
यमुना भी बोले दादी,
गंगा भी बोले दादी,
यमुना भी बोले दादी,
सरयू की धार से आवाज आए,
जय दादी की,
दादीं को नाम अनमोल,
बोलो जय दादी की ॥
धरती भी बोले दादी,
अम्बर भी बोले दादी,
धरती भी बोले दादी,
अम्बर भी बोले दादी,
झुंझनू के कण कण से आवाज आए,
जय दादी की,
दादीं को नाम अनमोल,
बोलो जय दादी की ॥
ब्रम्हा भी बोले दादी,
विष्णु भी बोले दादी,
ब्रम्हा भी बोले दादी,
विष्णु भी बोले दादी,
शंकर के डमरू से आवाज आए,
जय दादी की,
दादीं को नाम अनमोल,
बोलो जय दादी की ॥
सूरज भी बोले दादी,
चंदा भी बोले दादी,
सूरज भी बोले दादी,
चंदा भी बोले दादी,
तारों के मंडल से आवाज आए,
जय दादी की,
दादीं को नाम अनमोल,
बोलो जय दादी की ॥
दादी को नाम अनमोल,
बोलो जय दादी की,
मैया को नाम अनमोल,
बोलो जय दादी की ॥
जब भी हम माता रानी के विषय में बात करते हैं तो दस महाविद्याओं के बारे में जरूर बात की जाती है। इन दस महाविद्याओं में छिन्नमस्ता या छिन्नमस्तिका या प्रचण्ड चण्डिका भी एक हैं।
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