Logo

धुला लो पाँव राघव जी, अगर जो पार जाना है (Dhul Lo Paanv Raghav Ji Agar Jo Paar Jana Hai)

धुला लो पाँव राघव जी, अगर जो पार जाना है (Dhul Lo Paanv Raghav Ji Agar Jo Paar Jana Hai)

धुला लो पाँव राघव जी,

अगर जो पार जाना है,

पार करते हो सब जग को,

पार करते हो सब जग को,

नाव का तो बहाना है,

धुला लो पांव राघव जी,

अगर जो पार जाना है ॥


तुम्हारे चरणों की धूलि,

सुना है जादू करती है,

जो छू जाए अगर पत्थर,

तो सुन्दर नारी बनती है,

तो सुन्दर नारी बनती है,

जो पत्थर नारी बन जाए,

काठ का क्या ठिकाना है,

धुला लो पांव राघव जी,

अगर जो पार जाना है ॥


हमारी नाव ही परिवार का,

अंतिम सहारा है,

बिना इसके ओ राघव जी,

कहाँ मेरा गुजारा है,

कहाँ मेरा गुजारा है,

ये नैया जिंदगी मेरी,

ना कोई भी ठिकाना है,

धुला लो पांव राघव जी,

अगर जो पार जाना है ॥


धुला लो पाँव राघव जी,

अगर जो पार जाना है,

पार करते हो सब जग को,

पार करते हो सब जग को,

नाव का तो बहाना है,

धुला लो पांव राघव जी,

अगर जो पार जाना है ॥

........................................................................................................
10 June 2025 Ank Jyotish (10 जून 2025 का अंक ज्योतिष राशिफल)

आज का दिन यानी 10 जून 2025, अंक ज्योतिष के अनुसार काफी दिलचस्प संकेत लेकर आया है। अंक शास्त्र में हर तारीख का एक विशेष प्रभाव होता है, और यह प्रभाव आपके दिनचर्या, सोच और निर्णयों को प्रभावित कर सकता है।

सोमवार व्रत चालीसा

हफ्ते का पहला दिन यानी सोमवार भोलेनाथ को समर्पित होता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने का विधान है। भोलेनाथ, जो त्रिदेवों में से एक हैं, को कई नामों से जाना जाता है जैसे - महादेव, शंकर, रुद्र, नीलकंठ और गंगाधर।

मंगलवार व्रत चालीसा

हिंदू धर्म में मंगलवार का दिन भगवान हनुमान जी को समर्पित माना गया है। इस दिन भक्त बड़े ही श्रद्धा और भक्ति भाव से हनुमान जी की पूजा करते हैं। माना जाता है कि हनुमान जी को प्रसन्न करना ज्यादा कठिन नहीं है।

बुधवार व्रत चालीसा

हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होता है। ठीक ऐसे ही बुधवार का दिन प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश जी का होता है। सनातन धर्म में गणपति बप्पा को विघ्नहर्ता यानी बाधाओं को दूर करने वाला देवता माना गया है।

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang