जय महाकाली शेरावाली,
सारे जग की तू रखवाली,
तेरे दर पे आने का सजदा करूँ,
तेरी याद माँ मुझको आने लगी,
जय महाकाली शेरोवाली,
सारे जग की तू रखवाली ॥
दूर दूर से सेवक तेरे,
दर पे तेरे आते है,
रोते रोते आते है और,
हँसते हँसते जाते है,
निशदिन नाम तेरा मैं भी जपूँ,
निशदिन नाम तेरा मैं भी जपूँ,
तेरी याद माँ मुझको आने लगी,
जय महाकाली शेरोवाली,
सारे जग की तू रखवाली ॥
मैंने सुना माँ शेरावाली,
झोली सबकी भरती है,
अपने भक्तों की महाकाली,
आशा पूरी करती है,
अपने मन की बात मैं कहने चला,
अपने मन की बात मैं कहने चला,
तेरी याद माँ मुझको आने लगी,
जय महाकाली शेरोवाली,
सारे जग की तू रखवाली ॥
तेरे पावन चरण छोड़ के,
और कहाँ मैं जाऊं माँ,
तेरी बाँहों में छुप जाऊं,
गोदी में सो जाऊं माँ,
तेरे मुखड़े को माँ तकता रहूं,
तेरे मुखड़े को माँ तकता रहूं,
तेरी याद माँ मुझको आने लगी,
जय महाकाली शेरोवाली,
सारे जग की तू रखवाली ॥
जय महाकाली शेरावाली,
सारे जग की तू रखवाली,
तेरे दर पे आने का सजदा करूँ,
तेरी याद माँ मुझको आने लगी,
जय महाकाली शेरोवाली,
सारे जग की तू रखवाली ॥
किसी भी व्यक्ति के लिए घर उसका मंदिर होता है। इसी कारण से जब वो अपने घर के निर्माण कार्य की शुरुआत करता है, उससे पहले भूमि का पूजन करवाता है।
महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान शिव की पूजा और आराधना के लिए मनाया जाता है। यह त्योहार हर साल फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है।
महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर हम भगवान शिव की महिमा और उनकी प्रिय चीजों के बारे में बात करने जा रहे हैं। भगवान शिव को आशुतोष कहा जाता है, जिसका अर्थ है तुरंत और तत्काल प्रसन्न होने वाले देवता।
सनातन धर्म में मंत्र और स्तोत्र का विशेष महत्व माना जाता है। धर्म शास्त्रों में मंत्र जाप और स्तोत्र के नियमित पाठ के द्वारा भगवान को प्रसन्न करने का विधान है।