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कभी धूप कभी छाँव (Kabhi Dhoop Kabhi Chhaon)

कभी धूप कभी छाँव (Kabhi Dhoop Kabhi Chhaon)

सुख दुःख दोनों रहते जिस में

जीवन है वो गाओं

कभी धूप कभी छाँव

कभी धूप तो कभी छाओं

उपरवाला पासे फेंके

निचे चलते दांव

कभी धूप कभी छाँव

कभी धूप तो कभी छाओं


भले भी दिन आते जगत में

बुरे भी दिन आते

भले भी दिन आते जगत में

बुरे भी दिन आते

कडवे मिटते फल करम के

यहाँ सभी पते

कभी सीधे कभी उलटे पड़ते

अजब समये के पाओं

कभी धूप कभी छाँव

कभी धूप तो कभी छाओं


सुख दुःख दोनों रहते जिस में

जीवन है वो गाओं

कभी धूप कभी छाँव

कभी धूप तो कभी छाओं


क्या खुशिया क्या गम

ये सब मिलते बरी बरी

क्या खुशिया क्या गम

ये सब मिलते बरी बरी

मालिक की मर्ज़ी पे,

चलती ये दुनिया सारी

ध्यान से खेना जग में

बन्दे अपनी नाव

कभी धूप कभी छाँव

कभी धूप तो कभी छाओं


सुख दुःख दोनों रहते जिस में

जीवन है वो गाओं

कभी धूप कभी छाँव

कभी धूप तो कभी छाओं

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द्वारका धाम (Dwarka Dham)

हिंदू धर्म में चार धामों के दर्शन करने का खास महत्व बताया गया है। धर्मग्रंथों के अनुसार इन चार धाम के दर्शन करने से मनुष्य के हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं

जगन्नाथ मंदिर (Jagannaath Mandir)

आदि गुरु शंकराचार्य के अनुसार, चारों धाम एक विशेष युग का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसी के अनुसार, जगन्नाथ मंदिर कलियुग का प्रतिनिधित्व करता है।

कुंभ मेला (Kumbh Sthal)

कुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक सम्मेलन है, साथ ही विश्वास,आस्था, सौहार्द और संस्कृतियों के मिलन का महापर्व भी है।

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, नासिक (Trimbakeshwar Jyotirlinga, Nashik)

महाराष्ट्र में अलग-अलग स्थानों पर तीन पवित्र ज्योतिर्लिंग स्थित है। इनमें से एक ज्योतिर्लिंग नासिक से लगभग 28 किमी की दूरी पर है।

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