भक्तों के घर कभी, आजा शेरावाली (Bhakton Ke Ghar Kabhi Aaja Sherawali)

भक्तों के घर कभी,

आजा शेरावाली,

कुटिया का मान,

बढ़ा जा शेरावाली,

भक्तो के घर कभी,

आजा शेरावाली ॥


पलकों के आसन पे,

तुझको बिठाएंगे,

हलवा पूड़ी का मैया,

भोग लगाएंगे,

भाव का ये भोग,

लगा जा शेरावाली,

भक्तो के घर कभी,

आजा शेरावाली ॥


इन अखियों को बस,

मैया तेरी आस है,

आएगी जरूर माता,

रानी विश्वास है,

भक्तो की आस,

पूरा जा शेरावाली,

भक्तो के घर कभी,

आजा शेरावाली ॥


आजा आजा मैया,

तेरा लाड लड़ाएंगे,

‘सौरभ मधुकर’ संग,

भजन सुनाएंगे,

रिश्ता ये प्रेम का,

निभा जा शेरावाली,

भक्तो के घर कभी,

आजा शेरावाली ॥


भक्तों के घर कभी,

आजा शेरावाली,

कुटिया का मान,

बढ़ा जा शेरावाली,

भक्तो के घर कभी,

आजा शेरावाली ॥

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विवाह पंचमी के उपाय क्या हैं

हिंदू कैलेंडर के हिसाब से विवाह पंचमी का पर्व मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाई जाती है। इस दिन प्रभु श्रीराम और माता सीता की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना करने का विधान है। वहीं इस साल विवाह पंचमी 06 दिसंबर शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी।

शंकर चौड़ा रे (Shankar Chaura Re)

शंकर चौड़ा रे, महामाई कर रही सोलह रे।
सिंगार माई कर रही, सोलह रे

गुरु मेरी पूजा, गुरु गोबिंद, गुरु मेरा पारब्रह्म (Guru Meri Puja Guru Mera Parbrahma)

गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद
गुरु मेरा पारब्रह्म, गुरु भगवंत

लेके पूजा की थाली

लेके पूजा की थाली, ज्योत मन की जगा ली
तेरी आरती उतारूँ, भोली माँ
तू जो दे-दे सहारा, सुख जीवन का सारा
तेरे चरणों पे वारूँ, भोली माँ

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